एक साथ उतरेंगे INS विक्रमादित्य और INS विक्रम, इनकी ताकत से खौफ खाते हैं दुश्मन
INS Vikrant-INS Vikramaditya: विशाखापत्तनम में सबसे बड़े सैन्य अभ्यास मिलन-24 की शुरुआत हो रही है, जिसमें 51 देशों की नौसेनाएं शामिल हो रही हैं. भारतीय नौसेना आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत को एक साथ उतार रही है. इसके अलावा कम से कम 30 जंगी पोत लेकर उतरेंगे.‘मल्टी लेटरल नेवल एक्सरसाइज- मिलन-2024’ में एक समुद्री चरण और एक बंदरगाह चरण है, जो 19 फरवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चलेगा.
आईएनएस विक्रांत की ताकत
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) की लंबाई 262 मीटर है और पोत का वजन करीब 45000 टन है. इस पोत की ऊंचाई करीब करीब 59 मीटर यानी 15 मंजिला इमारत के बराबर है. अगर इसकी चौड़ाई की बात करें तो यह 62 मीटर चौड़ा है. आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) युद्धपोत में 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइनें लगी हैं और इसकी अधिकतम गति 28 (नॉट) समुद्री मील है. विक्रांत ने पिछले साल 21 अगस्त से अब तक समुद्र में परीक्षण के कई चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.
आईएनएस विक्रांत की ताकत
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) में 76 फीसदी कल-पुर्जे स्वदेशी है और यह युद्धपोत स्वदेश निर्मित उन्नत किस्म के हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के अलावा MIG-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31, एमएच-60आर और मल्टी रोल हेलीकाप्टरों के साथ 30 विमानों से युक्त एयर विंग के संचालन में सक्षम है. आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को खास तरीके से डिजाइन किया गया है, ताकि कम एरिया में एयरक्रॉफ्ट के टेक ऑफ और लैंडिंग की जा सके. इस युद्धपोत में आगे का हिस्सा ज्यादा उठा हुआ है, जिसे एसटीओबीएआर (शॉर्ट टेक-ऑफ बट आरेस्टेड लैंडिंग) डिजाइन कहते हैं और इसका फायदा यह है कि एयरक्रॉफ्ट कम जगह में आसानी से टेक ऑफ और लैंड कर लेता है.
आईएनएस विक्रांत की ताकत
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) टारगेट एलिफैंट है यानी ये इतना बड़ा है कि जंग के दौरान इसे छुपाया नहीं जा सकता है. इसलिए इसमें सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं ताकि दुश्मनों का सामना किया जा सके. आईएनएस विक्रांत में 32 मीडियम रेंज की सरफेस-टु-एयर मिसाइल होंगी. ये एके-630 रोटरी कैनन से लैस होगा. इसके अलावा इंडियन एंटी मिसाइल नेवल डेकॉय सिस्टम से लैस होगा, जो लेजर गाइडेड मिसाइल को टारगेट से डायवर्ट कर देता है.
INS विक्रमादित्य की ताकत
INS विक्रमादित्य को जून 2014 में इंडियन नेवी में शामिल किया गया था. यह रूस में बना वॉरशिप है, जिसकी लंबाई करीब 284 मीटर है. आईएनएस विक्रमादित्य की ऊंचाई करीब 20 मंजिला इमारत जितनी है और इसमें 22 डेक बनाए गए हैं. 45 हजार टन वजनी आईएनएस विक्रमादित्य की अधिकतम स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटे है.
INS विक्रमादित्य की ताकत
आईएनएस विक्रमादित्य में लॉन्ग रेंज एयर सर्विलांस रडार, एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट के सेंसर्स लगे, जिससे 500 किलोमीटर से अधिक एरिया की निगरानी की जा सकती है. विक्रमादित्य को खासतौर पर दुश्मनों पर नजर रखने के लिए तैयार किया गया है. INS विक्रमादित्य के बाद देश का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर है और इसमें 30 से ज्यादा विमान ले जाने की क्षमता है. इस सभी खासियतों के साथ आईएनएस विक्रमादित्य खुद को 45 दिनों तक समंदर में रखने में सक्षम है.