NPS Vatsalya: 7 बड़े कारण... जिन्हें जानकर आप भी एनपीएस वात्सल्य में 1 भी रुपये निवेश नहीं करेंगे
What is NPS Vatsalya: कुछ दिन पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनपीएस वात्सल्य (NPS Vatsalya) को शुरू किया है. इस योजना में बच्चों के भविष्य के लिए माता-पिता की तरफ से निवेश किया जाता है. हालांकि कुछ कारण ऐसे हैं जिनके आधार पर कहा जा रहा है कि एनपीएस वात्सल्य योजना बच्चों की एजुकेशन और शादी के लिए बचत करने के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है. आइए जानते हैं इसमें निवेश से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
एनपीएस वात्सल्य (NPS Vatsalya) दो तरह से निवेश करने का विकल्प देता है ऑटो च्वाइस और एक्टिव च्वाइस. इन दोनों विकल्पों में आप अपने पैसे का अधिकतम 75% शेयर बाजार में लगा सकते हैं. लेकिन वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि यह शेयर बाजार में निवेश के लिए बहुत कम है, खासकर जब आपका पैसा 18 साल तक के लिए जमा हो जाएगा. जानकारों का कहना है माता-पिता आमतौर पर अपने बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए पैसा बचाते हैं. निवेश का 100 प्रतिशत पैसा शेयर बाजार में कम से कम 10 साल के लिए निवेश किया जाना चाहिए.
बच्चे के 18 साल का होने पर दो विकल्प हैं. पहला बच्चा पेंशन योजना से बाहर निकल सकता है या Vatsalya पेंशन खाते को एक नियमित NPS Tier-I खाते में बदल सकता है. यदि बच्चा बाहर निकलने का फैसला करता है तो 20% एकमुश्त भुगतान किया जाएगा और 80% से एन्युटी खरीद सकते हैं. लेकिन यदि 18 साल की उम्र तक जमा राशि ढाई लाख से कम है तो बच्चे को एकमुश्त पैसा दे दिया जाएगा. माता-पिता को इस उम्र में बच्चों के शिक्षा आदि के लिए बड़ी राशि की जरूरत होती है.
NPS Vatsalya एक रिटायरमेंट प्लान है, जिसका उपयोग माता-पिता अपने बच्चों के रिटायरमेंट का प्लान बनाने के लिए कर सकते हैं. नियमानुसार आंशिक निकासी की सुविधा तीन बार मिलती है. इसके अलावा शिक्षा, बीमारी और विकलांगता के लिए कुल कॉन्ट्रीब्यूशन का 25% निकाला जा सकता है. बच्चे के 18 साल का होने से पहले आंशिक निकासी की अनुमति है. इस समय माता-पिता को बच्चे के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होती है.
नियमित NPS योजना किसी को भी NPS अकाउंट से कुल पैसा एकमुश्त निकालने की अनुमति देती है. इसमें नियम यह है कि इसमें जमा पैसा 5 लाख रुपये से ज्यादा न हो. हालांकि, NPS Vatsalya में एकमुश्त निकासी की अनुमति है तब ही जब मैच्योरिटी के समय कॉर्पस ढाई लाख रुपये से कम हो. एकमुश्त निकाली जा सकने वाली राशि में भी अंतर है. उदाहरण के लिए बच्चा यदि वयस्क हो जाता है तो और उसके पास NPS Vatsalya कॉर्पस में तीन लाख रुपये हैं तो वह केवल 60,000 रुपये ही मिल सकेगा.
NPS Vatsalya में पैसा लंबी अवधि के लिए जमा रहता है. इसके तहत, बच्चे की 18 साल की उम्र तक पैसा लॉक-इन पीरियड में रहता है. यदि बच्चा NPS Vatsalya से Tier-I NPS अकाउंट में ट्रांसफर करना चाहता है तो नियमित NPS अकाउंट का लॉक-इन पीरियड 60 साल की उम्र तक जारी रहता है.
NPS Vatsalya सीमित आंशिक निकासी की अनुमति देता है. योजना के अनुसार, माता-पिता शिक्षा, निर्दिष्ट बीमारी और 75% से अधिक विकलांगता के लिए योगदान (रिटर्न को छोड़कर) का 25% तक आंशिक रूप से निकाल सकते हैं. जो कि बहुत कम है, इसके अलावा बच्चे के 18 साल तक होने तक केवल तीन बार आंशिक निकासी की अनुमति है.
रेगुलर NPS से अलग एनपीएस वात्सल्य में टैक्स को लेकर पूरी तरह क्लीयरिटी नहीं हौ. जानकार कहते हैं सरकार को NPS Vatsalya के तहत बच्चों के लिए माता-पिता की तरफ से किए गए निवेश पर उपलब्ध टैक्स बेनिफिट को साफ करने की जरूरत है.