Tomahawk Missile: जहां गिरती है धरती पलट देती है! US ने लिया जर्मनी में `मौत का सामान` फिट करने का फैसला, भड़क गए पुतिन
US plan to deploy missiles in Germany: अमेरिका और रूस के बीच टकराव (Russia Vs US) एक बार फिर चरम पर है. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) की आग जब तक दबी थी, तब तक दबी थी. अब एक बार फिर से शोले भड़क रहे हैं. जिससे ये संकेत मिल रहे हैं कि यूक्रेन को घुटनों पर गिराने की चाहत रखने वाले राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) भी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. रूस, अमेरिका के उस फैसले पर तमतमा उठा है, जिसके तहत अमेरिकी फौज ने NATO की सुरक्षा के नाम पर अपनी सबसे घातक और लंबी दूरी तक मार करने वाली खतरनाक मिसाइलों को जर्मनी में (Long-Range Missiles Headed To Germany) में तैनात करने का फैसला किया है.
ये चल क्या रहा है?
यूक्रेन युद्ध की आग में अब यूरोप के बाकी देश भी आ सकते हैं. अमेरिका ने रूस को काउंटर करने के लिए जो फैसला लिया है उस पर रूसी प्रीमियर बेहद नाराज हो गए हैं.
पुतिन भी तैयार है
अमेरिका जर्मनी में अपनी टॉमहॉक मिसाइलें तैनात करके रूस को संदेश देने की कोशिश में है. तो दूसरी तरफ रूस भी अमेरिका को ट्रेलर दिखा रहा है.
देख लेंगे
अमेरिका की तरफ से जर्मनी में हथियारों की तैनाती ऐसे वक्त हो रही है जब यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाल ही में बाइडेन से बड़ी अपील करते हुए से रूसी सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए हथियारों के इस्तेमाल पर लगी रोक हटाने को कहा है. तो क्या जर्मनी में टॉमहॉक मिसाइल की तैनाती इसी कड़ी का हिस्सा है क्योंकि युद्ध की परिस्थिति में ये फैसला रणनीतिक बढ़त दे सकता है.
टॉमहॉक की तैनाती महज ट्रेलर
टॉमहॉक मिसाइल अपने लक्ष्य तक सीधे नहीं जाती. इसी कारण टॉमहॉक को किसी एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के जरिए बीच रास्ते में गिराया नहीं जा सकता है. जर्मनी में टॉमहॉक की तैनाती महज ट्रेलर भर है क्योंकि अमेरिका स्टैंडर्ड मिसाइल 6 और हाइपरसोनिक हथियार भी तैनात करने की तैयारी में है.
पुतिन के पीछे टॉमहॉक!
अमेरिका ने जर्मनी में पहले से कई मिसाइलें तैनाती कर रखी हैं. इस बीच उसने और बड़ा फैसला लिया है. उसके इस फैसले का निशाना रूस को माना जा रहा है. क्या अमेरिका रूस के खिलाफ बड़े जंग की तैयारी में है? इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
खौफ का दूसरा नाम टॉमहॉक
इसकी रफ्तार का कोई सानी नहीं है. इसकी ताकत के सामने सब घुटने टेकने को मजबूर हैं. ये वही अमेरिका की घातक टॉमहॉक मिसाइल है जिसने इराक के रेगिस्तान से लेकर अफगानिस्तान की पहाड़ और सीरिया की धरती को उलट-पलट कर रख दिया.
रूस को धमकी
अमेरिका के युद्ध इतिहास में सुनहरे पन्नों से विजयगाथा लिख चुकी टॉमहॉक मिसाइल एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि अमेरिका ने अपनी लॉग रेंज मिसाइलें को जर्मनी में तैनात करने का फैसला लिया है.
यूक्रेन तो बहाना है- असल बात कुछ और है...
जर्मनी में टॉमहॉक मिसाइल की तैनाती सामरिक दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण होने जा रही है क्योंकि दुनिया इस तैनाती को रूस के साथ चल रही तनातनी से जोड़ रही है. टॉमहॉक क्रूज मिसाइल 1250 किलोमीटर से 2500 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मनों को भेदने की काबिलियत रखती है. क्रूज मिसाइल होने के कारण यह मिसाइल सतह से काफी नजदीक उड़ान भरती है. जिस वजह से दुश्मन के रडार को टॉमहॉक मिसाइल की आहट नहीं मिल पाती है.
बदलेगा वर्ल्ड ऑर्डर?
अमेरिका टॉमहॉक के जरिए रूस को संदेश देने की कोशिश में है तो दूसरी तरफ रूस अमेरिका को ट्रेलर दिखा रहा है. रूस ने यूक्रेन पर अपनी घातक मिसाइल से यूक्रेन में आग बरसा रखी है. बताया जा रहा है कि रूस के इस ब्रह्मास्त्र ने यूक्रेन के 2100 फ्रंटलाइन सिपाहियों को मौत के घाट उतार दिया. एक तरफ रूस यूक्रेन में मिसाइल से आग बरसा रहा है तो दूसरी तरफ जंग के मैदान में ड्रोन से भी तबाही मचा रहा है. अमेरिका और रूस दोनों की तरफ से युद्ध की नुमाइश तेज है और अगर ये नुमाइश हकीकत में बदलती है तो वर्ल्ड ऑर्डर बदलना तय है.