Russia Cancer Vaccine: रूस की कैंसर वैक्सीन कैसे काम करती है? एक डोज बनाने में लाखों का खर्च! जानें टीके से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण बातें
कैंसर के खिलाफ लड़ाई में रूस ने एक बड़ा कदम उठाने का दावा किया है. रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि उन्होंने कैंसर के इलाज के लिए एक वैक्सीन विकसित की है, जिसे 2025 की शुरुआत में मुफ्त में मरीजों को उपलब्ध कराया जाएगा. रूस के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के प्रमुख आंद्रेई कैप्रिन ने इस बात की पुष्टि की है. हालांकि यह टीका कैंसर की रोकथाम के लिए नहीं, बल्कि कैंसर से जूझ रहे मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. आइए, जानते हैं इस वैक्सीन से जुड़ी 5 अहम बातें.
1. मरीजों के लिए पर्सनली तैयार होगी वैक्सीन
रूस की यह वैक्सीन 'पर्सनलाइज्ड' होगी, जिसका मतलब है कि इसे हर मरीज के लिए अलग-अलग तैयार किया जाएगा. इस प्रक्रिया में मरीज के खुद के ट्यूमर से आरएनए (RNA) प्राप्त किया जाएगा और उसके आधार पर टीका तैयार किया जाएगा.
2. कैसे काम करेगी वैक्सीन?
पारंपरिक टीकों की तरह यह वैक्सीन भी कैंसर सेल्स की सतह पर मौजूद प्रोटीन (एंटीजन) का इस्तेमाल करेगी. इन एंटीजन को शरीर में इंजेक्ट किया जाएगा, ताकि मरीज का इम्यून सिस्टम इन प्रोटीन को पहचानकर एंटीबॉडी बनाए और कैंसर सेल्स पर हमला कर सके.
3. वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया
रूस की गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने बताया कि वैक्सीन बनाने में हाई लेवल की तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया है. ट्यूमर से प्राप्त डेटा का उपयोग करके यह वैक्सीन तैयार की जाती है. इसमें केवल 30 मिनट से एक घंटे का समय लगता है.
4. कौन-कौन से कैंसर के लिए होगा उपयोग?
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह टीका किन-किन प्रकार के कैंसर के लिए प्रभावी होगा. रूस ने इस पर कोई जानकारी नहीं दी है. हालांकि, रूस में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले कैंसर में कोलन, ब्रेस्ट और लंग कैंसर शामिल हैं.
5. वैक्सीन का खर्च
यह वैक्सीन रूसी सरकार को प्रति डोज लगभग 3 लाख रूबल (करीब 2,869 अमेरिकी डॉलर या ढाई लाख भारतीय रुपये) की लागत पर तैयार होती है. हालांकि, इसे रूस के नागरिकों को मुफ्त में दिया जाएगा.