27 एकड़ में फैला, 700 करोड़ की लागत... रेत वाले मुस्लिम शहर में बने पहले हिंदू मंदिर की कहानी

Abu Dhabi Hindu Mandir: मुस्लिम बहुल देश यूएई में एक वर्ल्ड फेमस मंदिर का कुछ ही दिनों में उद्घाटन होने वाला है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अब पीएम मोदी अबू धाबी में स्वामीनारायण हिंदू मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और उद्घाटन हिस्सा लेंगे. यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जा रहा है. इसमें 7 शिखर हैं, जिनमें से हर एक में सात देवी-देवताओं की उपस्थिति है. राम परिवार, कृष्ण परिवार और अयप्पा भी यहां स्थापित होंगे.

शिखर बरनवाल Sun, 11 Feb 2024-7:20 pm,
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14 फरवरी को होगा उद्घाटन

इस मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी को होगा. यह मंदिर बीएपीएस (BAPS) स्वामीनारायण संस्था बनवा रही है. बीएपीएस संस्था दुनियाभर में 1,100 से अधिक हिंदू मंदिरों का निर्माण करने के लिए जानी जाती है. दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण भी इसी संस्था ने किया है.

 

 

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700 करोड़ रुपये की लागत

संयुक्त अरब अमीरात में मंदिर का बनना दोनों देशों के बीच के गहरे संबंध को दिखाता है. ये दोनों देशों के हिंदू समुदायों के लिए बहुत महत्व रखता है. आम लोगों के लिए ये मंदिर 18 फरवरी 2024 को खोला जाएगा. इस मंदिर का निर्माण 700 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. 

 

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27 एकड़ की जमीन पर बना मंदिर

यह भारतीय प्राचीन मंदिर निर्माण शैली का एक अद्भुत उदाहरण है. यह मंदिर 27 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है, जिसमें 13.5 एकड़ में मंदिर का हिस्सा है और बाकी 13.5 एकड़ में पार्किंग एरिया है. मंदिर अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी में स्थित है. यह मंदिर रेत के शहर में हिंदू संस्कृति, संस्कार और श्रद्धा के संगम है.

 

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भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर

अगस्त 2015 में, जब प्रधानमंत्री मोदी यूएई के दौरे पर गए थे, तब इस मंदिर निर्माण की अनुमति मिली थी. यह दौरा 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा किया गया पहला दौरा था. एक और खास बात ये हैं 2015 से अब तक प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 6 दौरा कर चुके हैं और ये सातवां दौरा है. ये दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंध को दिखाता है. बता दें कि 2022-23 में दोनों देशों के बीच 84.5 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ है. इस समय यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.

 

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मंदिर की बारीक खासियत

मंदिर में नक्काशीदार शिलाएं भरतपुर जिले से लाई गई हैं. मंदिर में कल्प वृक्ष का भी निर्माण किया गया है, जो जीवन, समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक है. डोम ऑफ पीस और डोम ऑफ हॉर्मनी भी यहां बनाए गए हैं, जो शांति और सद्भाव का संदेश देते हैं. मंदिर में कुल 96 स्तंभ हैं, जो इसकी भव्यता को दर्शाते हैं. बीच के खंड में स्वामी नारायण के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.

 

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