Vaijayanti Mala: बहुत ही चमत्कारी है यह माला, गले में कर लिया धारण तो कोई नहीं रोक पाएगा विजय रथ
अक्सर आपने देखा होगा कि श्रीकृष्ण के गले में एक माला होती है. क्या आपको पता है कि इस माला का क्या नाम है और किस तरह की मोतियों से बनता है. तो सबसे पहले बताते हैं इसका नाम. इसका नाम है वैजयंती माला. इस माला को वैजयंती के बीजों से बनाई जाती है.
अक्सर आपने देखा होगा कि श्रीकृष्ण के गले में एक माला होती है. क्या आपको पता है कि इस माला का क्या नाम है और किस तरह की मोतियों से बनता है. तो सबसे पहले बताते हैं इसका नाम. इसका नाम है वैजयंती माला. इस माला को वैजयंती के बीजों से बनाई जाती है.
यह माला भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है.वैजयंती का बीज देखने में बहुत ही चमकीला होता है. इस बीज के माला से न केवल भगवान श्रीकृष्ण का सौंदर्य बढ़ता है बल्कि इसके जरिए उनके दिव्य गुणों और शक्तियों को भी दिखाता है.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक वैजयंती माला के जरिए समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. पौराणिक कथाओं की माने तो यह माला सबसे पहले राधा ने भगवान श्रीकृष्ण के गले में डाला था. जिसके बाद से श्रीकृष्ण अपने गले में इसे धारण किये हुए रहते हैं. राधा जी के द्वारा भेंट की गयी इस माला को प्रेम और समर्पण का प्रतीक बताया जाता है.
मान्यता है कि वैजयंती माला में स्वयं राधा रानी विराजमान रहती है. इस कारण यह माला श्रीकृष्ण के सीने से लगा होता है. मान्यताओं के मुताबिक वैजयंती माला को अमरता और विजय का प्रतीक कहा जाता है. अगर देखा जाए तो वैजयंती का अर्थ विजय होता है.
ऐसे में जो भी व्यक्ति इस माला को धारण करके कोई अच्छे कार्यों को शुरू करता है तो उसे अंत में विजयश्री हासिल होती है. इस माला में पांच प्रमुख तरह के रत्न होते हैं- मोती, मूंगा, पन्ना, माणिक और हीरा. श्रीकृष्ण के भक्त अपने गले में इस माला को जरूर धारण करते हैं. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)