गोला-बारूद भी बेअसर, हाई-टेक सिक्योरिटी, हथियारों से लैस जवान...जिस `रेल फोर्स वन` से यूक्रेन पहुंचे PM मोदी, जानें उसकी खासियत
What is Rail Force One: पीएम मोदी प्लेन के बजाए 10 घंटे का सफर कर ट्रेन से यूक्रेन पहुंचे हैं. पोलैंड से यूक्रेन पहुंचने के लिए वो खास ट्रेन से सफर करेंगे. इस ट्रेन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइनेस से लेकर इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी तक सफर कर चुकी है.
प्लेन के बजाए ट्रेन से क्यों यूक्रेन पहुंच रहे हैं मोदी
PM Modi Ukraine Train Visit: रूस और यूक्रेन की युद्ध के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार पोलैंड और यूक्रेन पहुंचे हैं. पोलैंड के बाद आज पीएम मोदी ट्रेन से यूक्रेन पहुंचे. 10 घंटे का लंबा सफर करके पीएम मोदी यूक्रेन पहुंचें. हालांकि लोगों के मन में सवाल है कि प्लेन के बजाए पीएम ट्रेन से क्यों सफर कर रहे हैं ? पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे की जितनी चर्चा हो रही है, उतनी ही चर्चा उस खास ट्रेन की भी हो रही है, जिससे सफर कर पीएम मोदी आज कीव पहुंचें , जहां वो राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे.
क्यों ट्रेन से सफर कर रहे हैं पीएम मोदी
पीएम मोदी पोलैंड से कीव पहुंचने के लिए विशेष ट्रेन रेल फोर्स वन ( Rail Force One) से सफर कर रहे हैं. दरअसल युद्ध की वजह से यूक्रेन के कई बड़े एयरपोर्ट्स बंद हैं, सड़क से सफर करना बहुत जोखिमभरा है, ऐसे में यूक्रेन ने वर्ल्ड लीडर्स के लिए ट्रेन यात्रा को सबसे सुरक्षित माना है. इसलिए पीएम मोदी की सुरक्षा को देखते हुए उनके लिए खास ट्रेन को चुना गया है. बता दें कि इसी ट्रेन से अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइनेड, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो, जर्मनी के चांसलर ओल्फ स्कॉल्ज ने भी सफर किया है. पीएम मोदी इस ट्रेन से करीब 20 घंटे का सफर करेंगे. जिसमें से 10 घंटा यूक्रेन आने में और 10 घंटा वापस यूक्रेन से पोलैंड पहुंचने में लगेगा.
कितने खास है यूक्रेन की रेल फोर्स वन
यूक्रेन की रेल फोर्स वन कोई आम ट्रेन नहीं बल्कि खास सुविधाओं और सुरक्षा से लैस एक खास ट्रेन है. इस ट्रेन की शुरुआत साल 2014 में टूरिज्म के लिए किया गया था, लेकिन बाद में परिस्थितियां ऐसी बनीं कि अब वर्ल्ड लीडर्स के लिए इसका इस्तेमाल होता है. यूक्रेन जाने वाले ज्यादातर नेता, पत्रकार, राजनयिक रेल फोर्स वन से ही सफर करते हैं.
सिर्फ रात में चलती है ये ट्रेन
यूक्रेन की रेल फोर्स वन धीमी गति से चलने वाली लग्जरी ट्रेन है, जो सिर्फ रात में चलती है. पोलैंड से कीव की 600 किमी की दूरी तय करने में इसे 10 घंटे का वक्त लग जाता है. इस रेल फोर्स वन को क्रीमिया में टूरिज्म को बढावा देने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन साल 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद से इस ट्रेन का इस्तेमाल वर्ल्ड लीडर्स और VIP मेहमानों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है.
यूक्रेन की बुलेटप्रूफ रेल फोर्स वन की खासियत
अपने यूक्रेन दौरे पर पीएम मोदी जिस रेल फोर्स वन का सफर करेंगे, वो बुलेटप्रूफ है. तमाम हथियारों से लैस है. इसकी संचार और सुरक्षा प्रणाली बेहद हाईटेक है. इसकी सुरक्षा के लिए हाईटेक सुरक्षाकर्मियों की पूरी टीम है. ट्रेन की खासियत की बात करें तो इसमें आलीशान होटल जैसे कमरे हैं. बेहतरीन इंटीरियर ट्रेन के कमरों को आलीशान होटल का लुक देते हैं. रेल फोर्स वन के कंपार्टमेंट खास तरह की लकड़ी से बने हैं. ट्रेन में अहम बैठकों के लिए बड़ी कॉन्फ्रेंस टेबल लगी है. इसके अलावा मनोरंजन के लिए आलीशान सोफा और टीवी भी लगा है. ट्रेन पर गोला-बारूद का असर नहीं होगा. ट्रेन कोबुलेट प्रूफ बनाया गया है. इस ट्रेन में वीवीआईपी मेहमान और विदेशी नेता सफर करते हैं इसलिए इसकी सुरक्षा में हर वक्त हाईटेक सिक्योरिटी होती है.
कैसे पड़ा रेल फोर्स वन नाम ?
इस ट्रेन को इलेक्ट्रिक नहीं बल्कि डीजल इंजन से चलाया जाता है, ताकि हमले की स्थिति में भी इसी सेवा को जारी रखा जा सके. ट्रेन की रफ्तार 60 किमी प्रति घंटे की है. सबसे खास बात ये है कि इस ट्रेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता है. ट्रेन में बख्तरबंद खिड़ियां लगी है, जो इसकी सिक्योरिटी को सुनिश्चित करती है. इसका नाम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइनेस के किस्से से जुड़ा है. रेल वन फोर्स की सफलता का श्रेय यूक्रेन रेलवे के पूर्व सीईओ एलेक्जेंडर कैमिशिन को जाता है. फरवरी 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इसी ट्रेन से यूक्रेन का सफर किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति के सफर के बाद इस ट्रेन का नाम बदलकर रेल फोर्स वन नाम दिया था. दरअसल अमेरिकी प्रेसिडेंट के सरकारी विमान का नाम एयर फोर्स वन है. इसी को देखते हुए इस ट्रेन का नाम रेल फोर्स वन रखा गया.