Photos: दुनिया की बेहद खतरनाक 5 पनडुब्बियां, जो किसी भी मुल्क का कर सकती हैं सर्वनाश
Most powerful attack submarines: दुनिया तेजी से असुरक्षित होती जा रही है. इसे देखते हुए हर देश अपने शस्त्रागार में नए हथियार शामिल करने और खुद की सुरक्षा मजबूत करने में जुटा है. पनडुब्बी ऐसा ही एक घातक हथियार है, जिसे हर देश अपनी मिलिट्री में रखना चाहता है.
घातक पनडुब्बियां
पनडुब्बी सबकी नजरों से दूर गहरे पानी में छिपी रहती है. इनकी मौजूदगी की किसी को कानोंकान भनक नहीं लगती. शांतिकाल में ये पनडुब्बियां दुश्मन मुल्कों की टोह लेने में जुटी रहती है और जब भी युद्ध का बिगुल बजता है तो उस पर कहर बनकर टूट पड़ती हैं.
पकड़ पाना बेहद मुश्किल
दुनिया की बात करें तो 5 ऐसी घातक पनडुब्बियां हैं, जिनसे हर कोई खौफ खाता है. इन पनडुब्बियों की डिजाइनिंग ऐसी है कि उन्हें पकड़ पाना बेहद मुश्किल है. उन पर लगी खतरनाक मिसाइलें और टॉरपीडो किसी भी जहाज और देश को तबाह कर सकते हैं.
सीवॉल्फ क्लास पनडुब्बी, यूएसए
शीत युद्ध के दौर में सोवियत संघ के बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिकी नौसेना ने इस पनडुब्बी का निर्माण किया था. यह बेहद शांत पनडुब्बी है. पानी के नीचे 20 समुद्री मील प्रति घंटा की स्पीड से यात्रा करते वक्त भी यह किसी तरह की तरंग या लहर पैदा नहीं करती, जिससे इसका पता लगाना लगभग असंभव है. इसमें आठ टारपीडो ट्यूब लगी हैं, जो किसी भी युद्धपोत को चुटकियों में जलसमाधि देकर गायब हो सकती है.
वर्जीनिया क्लास, यूएसए
यूएस की यह पनडुब्बी भी बहुत खतरनाक है. इसका निर्माण मल्टी मिशन यानी एक साथ कई जरूरतों को पूरा करने के लिए किया गया है. यह पनडुब्बी एंटी-शिपिंग, टोही और जमीन पर हमले समेत कई काम कर सकती है. अमेरिकी नौसेना वर्ष 1998 से वर्जीनिया श्रेणी की परमाणु-संचालित हमलावर पनडुब्बियों की खरीद कर रही है. वे दुनिया की बेहतरीन परमाणु पनडुब्बियों में से एक है और कई हफ्तों तक पानी के भीतर छुपी रह सकती है.
अस्ट्यूट क्लास, ब्रिटेन
दुनिया की सबसे शक्तिशाली पनडुब्बियों में से एक स्विफ्टश्योर क्लास अपने सेवा जीवन के अंत के करीब है. इस पनडुब्बी में 36 टॉरपीडो लगे हैं. इसके साथ ही इसमें एंटी-शिप हार्पून मिसाइलें भी लगी हैं. जमीनी टारगेट पर हमला करने के लिए इस पर टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें लगाई गई हैं. इसके साथ ही गहरे समुद्र में विचरण के वक्त डेटा कैप्टर नके लिए एडवांस्ड डेटा प्रोसेसर भी लगाए गए हैं.
ग्रैनी क्लास, रूस
यह रूस की सबसे शक्तिशाली हमलावर परमाणु पनडुब्बी है. रूस ने इसे प्रोजेक्ट 885 यासेन क्लास के नाम से बनाया था. इस पनडुब्बी ने रूस की पुरानी अकुला श्रेणी की मिसाइलों की जगह ली है. रूसी नौसेना को ग्रैनी पनडुब्बी की पहली डिलीवरी 2013 में हुई थी. इस पनडुब्बी में जहाज-रोधी और ज़मीन पर हमला करने वाली मिसाइलें लगी हैं. इसके साथ ही 36 टॉरपीडो का भंडार भी है, जो किसी भी युद्धपोत को जलस्माधि दे सकता है.
आईएनएस वगीर, भारत
भारत भी इस दौड़ में ज्यादा पीछे नहीं है. उसके पास स्टील्थ क्षमताओं से लैस स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी है. इसका नाम आईएनएस वगीर है. भारत प्रोजेक्ट 75 के तहत फ्रांस के सहयोग से ऐसी 6 पनडुब्बियां बना रहा है. यह पनडुब्बी लंबी दूरी के गाइडेड टॉरपीडो के साथ-साथ एंटी-शिप मिसाइलों से भी लैस हैं. इन पनडुब्बियों में दुश्मन की टोही क्षमता से बचने के लिए एंटी सोना सिस्टम भी लगे हैं, जिससे यह आसानी से दुश्मन की पकड़ में नहीं आ सकती है.