दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पर क्यों तन गई बंदूकें? भारतीय सेना ने संभाला मोर्चा
Security on World Highest Railway Bridge: जम्मू-कश्मीर के रियासी में बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज चिनाब ब्रिज (Chenab Rail Bridge) पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल लिया है और जवान बंदूक लेकर रेलवे ब्रिज पर उतर गए हैं. इसके साथ ही इलाके की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
क्यों तन गई बंदूकें?
चिनाब रेलवे ब्रिज पर आतंकी हमले के खतरे की चेतावनी के बाद इसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुलों में से एक चिनाब रेल ब्रिज पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षाबलों ने एक बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया है.
मॉक ड्रिल में कौन-कौन?
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, मॉक ड्रिल का आयोजन जिला पुलिस रियासी द्वारा एसओजी, सीआरपीएफ 126 बीएन, जीआरपी, आरपीएफ, एसडीआरएफ, वीडीजी, नागरिक प्रशासन, अग्निशमन, आपातकालीन और मेडिकल टीमों के साथ किया गया था.
एक्शन मूवी की तरह मॉक ड्रिल
चिनाब रेलवे ब्रिज पर मॉक ड्रिल किसी एक्शन मूवी की तरह लग रहा था. ड्रिल के दौरान किसी हमले की तरह डिजाइन किया गया था. यह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास है कि प्रत्येक इकाई पुल की सुरक्षा और यात्रियों और बुनियादी ढांचे दोनों की सुरक्षा बनाए रखने में अपनी भूमिका जानती है.
रणनीतिक रूप से बेहद अहम
जम्मू-कश्मीर के रियासी में बना यह रेलवे ब्रिज रणनीतिक रूप से बेहद अहम है, क्योंकि यह कश्मीर को पूरे देश से जोड़ता है. चिनाब ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब ब्रिज की एक घाटी पर बनाया गया एक संरचनात्मक चमत्कार है.
चिनाब नदी से 359 मीटर ऊपर बना है ब्रिज
चिनाब नदी पर बना यह पुल पीसा की मीनार से 37 मीटर ऊंचा है और कई संरचनात्मक चुनौतियों को पर कर इसे बनाया गया है. यह पुल जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में चिनाब नदी से 359 मीटर (लगभग 109 फीट) ऊपर बनाया गया है. इसकी ऊंचाई एफिल टॉवर से लगभग 35 मीटर ज्यादा है. यह अपनी तरह का एकमात्र आर्च ब्रिज है.