दुनिया सच नहीं, हम एक सिमुलेशन... एक छलावे में जी रहे हैं! ब्रिटिश वैज्ञानिक का दावा
Science News in Hindi: एक ब्रिटिश रिसर्चर का दावा है कि दुनिया महज एक सिमुलेशन है और इसका कोई अस्तित्व नहीं है. पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर, मेल्विन वोपसन का यह दावा काफी कुछ `द मैट्रिक्स` फिल्म सीरीज के प्लॉट से मिलता-जुलता है. वोपसन के मुताबिक, रोजमर्रा की जिंदगी में कई सुराग मिलते हैं जो दिखाते हैं कि हम एक सिमुलेशन में जी रहे हैं. (All Photos Generated By AI)
हमारी दुनिया को कौन चला रहा?
वोपसन ने 'मेल ऑनलाइन' से बात में दावा किया कि हमारी वास्तविकता असल में एक मैट्रिक्स-जैसी व्यवस्था है जिसे कोई 'बड़ी ताकत' चला रही है. उन्होंने कहा कि एक 'मास्टर AI' एक 'एडवांस्ड AI दुनिया' को कंट्रोल कर रहा है जिसमें जन्म के साथ ही हम एक कैरेक्टर बन जाते हैं. वोपसन ने कहा कि इस दुनिया में जो कुछ होता है, वह इसी मास्टर AI के कंट्रोल से होता है.
क्या हम जिंदा नहीं हैं?
वोपसन ने एक ऐसी संभावना जाहिर की जिसमें कोई भी मनुष्य जागा हुआ नहीं है और इसके बजाय 'सिमुलेटेड रियलिटी में फंसा हुआ है, जिसे एआई द्वारा नियंत्रित किया जाता है.'
रिसर्चर ने सामने रखीं तीन थ्योरियां
ब्रिटिश रिसर्चर ने तीन सिद्धांत सामने रखे हैं. वोपसन कहते हैं कि पहला सिद्धांत मनोरंजन सिद्धांत है, जो बताता है कि सिमुलेशन का उद्देश्य हमारा मनोरंजन करना है. गिनी पिग सिद्धांत वैसा ही है जैसा कि यह सुनने में लगता है - मनुष्य गिनी पिग हैं जो वास्तविक दुनिया की समस्या को हल करने के लिए किए गए एक बड़े प्रयोग का हिस्सा हैं. तीसरा सिद्धांत निकट-अमरता सिद्धांत है जिसके अनुसार हम एक के बाद एक सैकड़ों जीवन जी रहे हैं.
खुद ही लगाया डिस्क्लेमर
वोपसन ने भले ही चौंकाने वाले सिद्धांत सामने रखे हों, उन्होंने साफ किया कि ऐसी कोई साइंटिफिक रिसर्च नहीं है जो इन थ्योरीज का आधार बन सके.
मस्क भी जता चुके संभावना
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और SpaceX के मालिक, एलन मस्क अक्सर कहते हैं कि दुनिया असल में सिर्फ एक सिमुलेशन हो सकती है. इंटरनेट पर यह टॉपिक लंबे समय से बहस का मुद्दा रहा है.