Patna: लोक जनशक्ति पार्टी की कमान कितने दिनों या फिर कितने घंटों तक चिराग पासवान के हाथों में रहेगी, ये कहना अब शायद मुश्किल नजर आ रहा है. क्योंकि एलजेपी के बनते और बिगड़ते समीकरण में ये तो अब तय दिख रहा है कि इसमें चिराग पासवान कहीं फिट नहीं बैठ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो जो चिराग पासवान पिता राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन के बाद फोटो शूट कराके अपनी छवि निखारने के लिए खुद को शेर का बच्चा बता रहे थे, उन्हीं सांसद महोदय को, अब उनकी ही पार्टी के नेताओं ने किनारे करने का मन बना लिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के अनुसार, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में कभी भी टूट हो सकती है. इस बाबत पूरा खाका पार्टी सांसदों ने तैयार कर लिया और कभी भी इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी. हालांकि, इससे पहले राजधानी पटना से लेकर दिल्ली तक गुपचुप तरीके से मेल-मिलापों का दौर जारी  है. सूत्रों की मानें तो हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस ने बीते दिनों बीजेपी और जेडीयू के बड़े नेताओं से मुलाकात की और वहां से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद अब पूरे कार्य को अमलीजामा पहनाया जा रहा है.


ये भी पढ़ें-LJP के 5 सांसद छोड़ सकते हैं चिराग पासवान का साथ, पशुपति पारस की ओम बिरला से हुई मुलाकात


रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा प्रमुख ओम बिरला (Om Birla) को एलजेपी सांसदों द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ एक पत्र लिखा गया है जिसमें सभी ने पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष माना है और उस चिट्ठी को लेकर रविवार को पारस ने दिल्ली में बिरला से मुलाकात की है. हालांकि, पत्र में पार्टी से अलग होने की बात नहीं कही गई है. ऐसे में अब चिराग पासवान को तय करना है कि वो पशुपति पारस (Pashupati Paras) के नेतृत्व में बने रहना पसंद करेंगे या नहीं. 


वहीं, आपको ये भी जानना बहुत अहम है कि आखिर वो कौन सी वजह है जिससे पार्टी में इतनी बड़ी टूट की आहट दिख रही है. तो आइए आपको इसके पीछे की पांच वजह बताते हैं


चिराग की कार्यशैली से नेता-कार्यकर्ता नाराज
बॉलीवुड में बुरी तरह से फेल होने वाले चिराग राजनीति में पिता की छांव में सियासी मैदान में उतकर 2 बार लोकसभा तो पहुंच गए. लेकिन यहां भी वो अब बुरी तरह से पीटते नजर आ रहे हैं! सूत्रों की मानें को पार्टी नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) की कार्यशैली से काफी दिनों से बहुत नाराज बताए जा रहे हैं. उनका कहना है कि चिराग की कार्यशैली उनके पिता से बिल्कुल विपरीत है और वो अपने कार्यकर्ताओं को कुछ समझते ही नहीं है.


बिहार विधानसभा चुनाव में NDA से अलग होना!
पार्टी में बदलाव का एक कारण बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा का एनडीए में शामिल नहीं होना भी बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, चुनाव पूर्व नेताओं ने चिराग से एनडीए के साथ रहने को कहा था लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. इससे पार्टी नेता काफी नाराज थे. दरअसल, खुद को प्रधानमंत्री का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा में जेडीयू और नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी और जिसका परिणाम नतीजों में देखने को मिला. जेडीयू राज्य में नंबर तीन की पार्टी बनकर रह गई और इसको लेकर सार्वजनिक तौर पर जेडीयू नेताओं ने बीजेपी के सामने कई बार ये मुद्दा उठाया था.


LJP के चिराग को 'बुझाने' पर तुले सौरभ पांडेय?
सूत्रों की मानें तो एलजेपी में फूट का एक अहम कारण सौरभ पांडेय भी हैं. दरअसल, चिराग पासवान के निजी सलाहकार सौरव पांडेय से पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज चल रहे थे. सांसदों का आरोप है कि चिराग के पार्टी में सब कुछ सौरव पाण्डेय करते थे. पार्टी की दुर्दशा में सौरव पांडेय का हाथ है. 


नीतीश की मुखर तौर पर खिलाफत पड़ी भारी!
दरअसल, चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की मुखर तौर पर खिलाफत कर रहे थे. जबकि एलजेपी और जेडीयू दोनों एनडीए में घटक दल के रूप में शामिल हैं. चिराग की ये बयानबाजी एनडीए में खलबली पैदा कर रही थी और इसका असर गठबंधन पर पड़ता दिख रहा था. साथ ही, इसको लेकर कई बार जेडीयू के नेता बीजेपी के सामने अपनी शिकायत भी दर्ज करा चुके थे. जिसको लेकर बार-बार बीजेपी नेताओं को सफाई पेश देनी पड़ रही थी. 


रील लाइफ में फ्लॉप रियल लाइफ में हीरो बनने की चाहत!
बता दें कि चिराग राजनीति में उतरने से पहले बॉलीवुड में अपने कैरियर आजमा चुके हैं. हालांकि, वहां उन्हें बुरी तरह पटखनी खाने को मिली और वह असफल साबित हुए. लेकिन रील लाइफ में फ्लॉप चिराग पासवान की चाहत रियल लाइफ में हीरो बनने की थी और इसके लिए वह नीतीश कुमार और उनकी सरकार के खिलाफ जमकर हमला कर रहे थे. लेकिन यहां भी एक बार फिर चिराग फेल साबित होते दिख रहे हैं.


ये भी पढ़ें-Bihar: 'झोपड़ी' में हुई सेंधमारी से 'चिराग' के वजूद पर मंडराया संकट! JDU बोली-चुनाव LJP के लिए सबक