Bihar Politics: एक महीने के अंदर LJP को दोहरा झटका लगा है. पहले JDU ने सेंधमारी की और फिर बीजेपी ने जोर का झटका दिया. दोनों पार्टियों ने झोपड़ी के कार्यकर्ता, नेता को अपने घर में रहने की जगह दे दी, जिसके बाद संकट चिराग के वजूद पर मंडरा रहा है.
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Patna: LJP के वजूद पर संकट मंडरा रहा है. आलम ये है कि चुनाव के बाद झोपड़ी में खूब सेंधमारी हो रही है. पहले JDU ने सेंध लगाई अब बीजेपी ने दोहरा झटका दिया है. हाल ऐसा हो गया है कि चिराग पासवान से घर संभाले नहीं संभल रहा है. उधर, इसे मसले पर सियासत भी खूब हो रही है. विपक्ष को लगता है कि चिराग पासवान बीजेपी छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं तो JDU और बीजेपी की राय एक दूसरे से जुदा है.
दरअसल, एक महीने के अंदर LJP को दोहरा झटका लगा है. पहले JDU ने सेंधमारी की और फिर बीजेपी ने जोर का झटका दिया. दोनों पार्टियों ने झोपड़ी के कार्यकर्ता, नेता को अपने घर में रहने की जगह दे दी, जिसके बाद संकट चिराग के वजूद पर मंडरा रहा है.
Bihar Politics: 'चिराग' की वजूद पर आया संकट ! pic.twitter.com/VY2LaiRjbQ
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) March 4, 2021
चुनाव LJP के लिए सबक
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा, 'जिन्हें भी मोदी की विचार धारा, भाजपा की विचार धारा पसंद है उनका पार्टी में स्वागत है चाहे वो कोई भी पार्टी ही क्यो न हो. क्योंकि भाजपा में किसी भी व्यक्ति की विचारधारा अगर भाजपा से मिलती है और वह भाजपा में शामिल होना चाहता है तो उसका स्वागत है.' वहीं, जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, 'विधानसभा चुनाव में लोजपा ने नकारात्मक राजनीति की. उसी का परिणाम हुआ की पूरे NDA को नुकसान हुआ. इसलिए लोजपा भी नुकसान में रही. अब उसके वज़ूद पर सवाल खड़े हो गए हैं इसलिए ये चुनाव लोजपा के लिए सबक है. नकारात्मक राजनीति से काम नहीं चलता है.'
दरअसल, विधानसभा चुनाव में LJP ने अलग राह चुनी. खुद को पीएम का हनुमान बताकर चुनावी मैदान में अकेले उतरने का फैसला किया. JDU कैंडिडेट के खिलाफ प्रत्याशी उतारे लेकिन नतीज ये निकला कि सिर्फ एक सीट पर ही बमुश्किल से जीत मिली और जीता हुआ कैंडिडेट भी तीर के इशारे पर चलने के लिए तैयार बैठा है यानी ना घर के रहे ना घाट के लेकिन विपक्ष को लगता है कि Chirag Paswan बीजेपी छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे.
'LJP-BJP में मधुर संबंध'
RJD नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, 'लोजपा को वोट रामविलास पासवान के नाम पर मिलता है. लोजपा छोड़कर कौन किसमे जाता है उससे पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. सवाल ये है कि बीजेपी और लोजपा की केमिस्ट्री कैसी है. मुझे तो लगता है कि दोनों पार्टी मेँ मधुर सम्बन्ध हैं. लोजपा के 6 सांसद हैं जो मोदी को सपोर्ट करते हैं. इससे साफ जाहिर है कि बिहार विधानसभा चुनाव में जो जदयू को हैसियत दिखाई गई उसमें परोक्ष रूप से बीजेपी की रजामंदी थी.'
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा, 'बीजेपी के साथ पहले भी लोजपा थी और आगे भी रहेगी. आज भी बीजेपी के सामने अगर जनता दल और लोजपा को चुनने का विकल्प हो तो लोजपा ही बीजेपी की पसंद होगी.' वैसे एक महीने के भीतर एलजेपी में जितनी भी सेंधमारी हुई है. उससे चिराग की परेशानी तो बढ़ गई है क्योंकि कार्यकर्ता और नेता ही नहीं रहेंगे तो फिर पार्टी का क्या होगा?
(इनपुट-प्रीतम कुमार/नेहा कुमारी)