नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने के विपक्षी दलों के प्रयास के बीच कांग्रेस ने कई मसलों पर अपनी राय जाहिर की है. पार्टी का कहना है कि फिलहाल वह पूरा ध्यान विपक्षी पार्टियों को एकजुटकर बीजेपी को हराने पर लगाएगी और प्रधानमंत्री पद के बारे में निर्णय चुनाव नतीजे आने के बाद लेगी. पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने दावा किया कि अगर इन तीन बड़े राज्यों की 168 सीटें मिल जाएं तो वह बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर सकती है. 
 
कांग्रेस का कहना है कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सपा, बसपा एवं अन्य बीजेपी विरोधी दलों के बीच भी ‘रणनीतिक समझ’ बन गई है. सूत्रों ने दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में ‘सही से’ गठबंधन हो गया तो बीजेपी सत्ता में नहीं लौटने पाएगी. एक नजर इन तीन बड़े राज्यों की लोकसभा सीटों पर डाल लेते हैं. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें है. बिहार में 40 जबकि महाराष्ट्र में 48 सीटें हैं. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 73, बिहार में 22 और महाराष्ट्र में 23 सीटें मिली थी. कुल मिलाकर बीजेपी ने इन तीन राज्यों में 168 सीटों में से 118 पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस की नजर इन्हीं 168 सीटों पर सबसे ज्यादा है.  


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कांग्रेस यूपी में बीएसपी और एसपी से गठबंधन करेगी. पार्टी का दावा है कि अगर ये गठबंधन सही ढंग से काम कर गया तो बीजेपी को 5 सीटें भी नहीं मिल पाएंगी. पार्टी का कहना है कि उसे उम्मीद है कि गठबंधन में उसे सम्मानजनक सीटें मिलेंगी. हालांकि कांग्रेस ने अपने लिए सीटों का खुलासा नहीं किया. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें है. कांग्रेस, एनसीपी के साथ चुनाव लड़ेगी. शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी का कहना है कि उसकी विचाराधारा मेल नहीं खाती लिहाजा कोई गठबंधन नहीं होगा. 


मध्यप्रदेश, राजस्थान से भी उम्मीदें
कांग्रेस का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में पार्टी की लोकसभा सीटों में काफी इजाफा होगा. मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें है और राजस्थान में 25 सीटें है. 2014 के चुनाव में इन दोनों राज्यों की 54 सीटों में से केवल 2 सीटें कांग्रेस को मिली थी. राजस्थान में पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया था और मध्य प्रदेश में केवल दो सीटें जीत पाई थी. पार्टी को विश्वास है कि इन दोनों राज्यों में 2018 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में उसे जीत मिलेगी और लोकसभा सीटों में इजाफा होगा.