`अन्नदाता` पर सरकार हुई मेहरबान, गन्ने पर देगी 5.5 रुपए प्रति क्विंटल सब्सिडी
केंद्रीय कैबिनेट ने किया फैसला, गन्ना किसानों को इस सब्सिडी का भुगतान चीनी मिलों को बेचे गए गन्ने पर होगा
नई दिल्ली : सरकार ने गन्ना किसानों का बकाया जल्द निपटाने का इंतजाम किया है. इसके तहत वह चीनी उद्योग की मदद करेगी. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने फैसला किया कि वह किसानों को 5.5 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी का भुगतान करेगी. किसानों को सब्सिडी चीनी मिलों को बेचे गए गन्ने के आधार पर होगी. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला किया गया. हालांकि सरकार ने इसमें एक शर्त भी जोड़ दी है वह यह कि धन सिर्फ उन्हीं मिलों के खरीदे गन्ने पर दिया जाएगा जो निर्धारित शर्तों पर खरी उतरेंगी. चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 20 हजार करोड़ रुपए हो चुका है. सरकार की इस रियायत को कर्नाटक के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. वहां 12 मई को मतदान होना है.
मिलों पर कर्ज बढ़ा, 20 हजार करोड़ रुपए हुआ
इस साल चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है. इससे चीनी का भाव काफी गिर गया है, जिससे मिलों को घाटा उठाना पड़ रहा है. मिलों पर किसानों का कर्ज भी लगातार बढ़ रहा है. मिलें किसानों से खरीदे गन्ने का भुगतान करने में असमर्थ हैं इसलिए उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. देश में चीनी उत्पादन 15 अप्रैल तक कुल 29.98 मिलियन टन(अब तक का सर्वाधिक) रहा. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के डीजी अविनाश वर्मा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि शुगर मिल को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
चीनी के दाम नौ रुपए तक गिरे
वर्मा ने कहा कि सरकार के इस फैसले से 2017-18 में मिलों को 1500-1600 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उद्योग के सामने परेशानी बहुत बड़ी है, वर्मा ने उम्मीद जताई की इस कदम के बाद सरकार गन्ना किसानों और चीनी उद्योग की भलाई के लिए और भी कदम उठाएगी. चीनी के दाम बीते चार से पांच माह में नौ रुपए तक गिर गए हैं.
11 योजनाओं को मिलाकर एक नई योजना
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कृषि विभाग की पहले जो योजनाएं चल रही थीं, उन 11 योजनाओं को मिलाकर एक नई योजना 'हरित क्रांति कृष्णोन्ति योजना' लाई जाएगी. हरित क्रांति कृषि उन्नति योजना के लिए 2019-20 तक 33,270 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. इसके अलावा कैबिनेट ने मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट योजना के पुनर्गठन का फैसला किया है. इसके तहत 196 जिले आते थे, लेकिन अब 308 जिले लाए जाएंगे.