नई दिल्‍ली: कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर तलाश अभी खत्म नहीं हो पाई है. तमाम विकल्पों पर पार्टी विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक के नाम पर के नाम पर गंभीर चर्चा चल रही है. हालांकि अभी तक इस पर सहमति नहीं बन पाई है.


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सूत्रों के मुताबिक मनमोहन सिंह का नाम पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं की तरफ से उछाला गया है और यह दलील दी जा रही है कि मनमोहन सिंह  को अध्यक्ष बनाकर उनके नीचे 4 वर्किंग प्रेसिडेंट बना दिए जाएं जो कि चार अलग-अलग रीजन का प्रतिनिधित्व करते हों और अलग-अलग जातियों के हों. मनमोहन सिंह के साथ के साथ प्लस पॉइंट यह है कि उनकी छवि साफ-सुथरी और ईमानदार व्यक्ति की है. अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उनके नीचे काम करने में कांग्रेस पार्टी के किसी नेता को परेशानी नहीं होगी और गुटबाजी पर भी लगाम लगेगी.


हालांकि मनमोहन सिंह का नाम आगे बढ़ाने में जो चीज फेवर नहीं कर रही है, वह है उनकी उम्र. मनमोहन सिंह की उम्र तकरीबन 86 साल है. कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उन्हें तमाम राज्यों के दौरे करने पड़ेंगे. पब्लिक मीटिंग्स को एड्रेस करना पड़ेगा. उनकी सेहत को देखते हुए परेशानी हो सकती है. अगर मनमोहन सिंह कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो उन पर रबड़ स्टांप होने का भी आरोप लग सकता है, क्योंकि बीजेपी प्रधानमंत्री रहते उन पर ये आरोप लगा चुकी है.  


मुकुल वासन‍िक भी हो सकते हैं पहली पसंद
मनमोहन सिंह के अलावा कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक के नाम पर भी विचार हो रहा है. उनके बारे में दलील दी जा रही है कि मुकुल वासनिक का संगठन में काम करने का 40 साल का अनुभव है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के तमाम पदों पर सफलतापूर्वक काम किया है. इसके अलावा मुकुल वासनिक साफ-सुथरी छवि के दलित नेता है. उन पर आज तक गुटबाजी या करप्शन का कोई आरोप नहीं लगा है. मुकुल वासनिक लोकसभा के दो बार सांसद सांसद रह चुके हैं. वह मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे.


तम‍िलनाडु, केरल और पुडुचेरी में कांग्रेस का अच्‍छा प्रदर्शन
उनके पक्ष में यह बात भी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह तमिलनाडु पुडुचेरी और केरल जैसे राज्यों में पार्टी के इंचार्ज रहे जहां पार्टी ने लोकसभा में अच्छा परफॉर्मेंस किया है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मुकुल वासनिक के अलावा सुशील कुमार शिंदे, मल्‍ल‍िकार्जुन खड़गे समेत तमाम नामों पर चर्चा हुई थी, लेकिन खड़गे और सुशील कुमार शिंदे के नाम पर फिलहाल सहमति बनती नहीं दिखाई दे रही है.


हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसी युवा नेता को अध्यक्ष बनाए जाने का सुझाव पार्टी को दिया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट मिलिंद देवड़ा के नाम पर भी विचार हुआ था. लेकिन सूत्रों के मुताबिक गांधी परिवार के करीबी कुछ सीनियर नेता किसी युवा को अध्यक्ष बनाए जाने पर सहमत नहीं है. उनको लगता है कि अगर कोई नौजवान अध्यक्ष बना तो पार्टी में गुटबाजी बढ़ सकती है. पार्टी पर नियंत्रण के लिए सीनियर और जूनियर नेताओं में लड़ाई भी छिड़ सकती है, जिससे कांग्रेस का और ज़्यदा नुकसान हो सकता है.


महाराष्‍ट्र और हरियाणा जैसे राज्‍यों में हो सकता है नुकसान
आनिर्णय की स्थिति से कांग्रेस कमजोर होती जा रही है. आगामी कुछ महीनों में महाराष्ट्र झारखंड दिल्ली हरियाणा जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव है. जहां पार्टी तैयारी शुरू नहीं कर पाई है.