नई दिल्ली: लोकसभा में मॉनसून सत्र मेें लाए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर शुक्रवार (20 जुलाई) को बहस के दौरान तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने अपने जिस एमपी को उतारा वह और कोई नहीं बल्कि अमार राजा ग्रुप के मुखिया जयदेव गल्‍ला थे. आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बहस की शुरुआत की जिम्‍मेदारी उनको सौंपी थी. गल्‍ला आंध्र प्रदेश के बड़े बिजनेसमैन हैं. उनकी गिनती देश के चुनिंदा सीईओ में होती है. वह आंध्र प्रदेश के गुंटुर से पहली बार सांसद बने हैं. अमार राजा ग्रुप देशभर में एमरॉन बैटरी का कारोबार करती है.


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जनता वादा नहीं पूरा करने वालों को सबक सिखाएगी : गल्‍ला
चर्चा शुरू होने पर अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले टीडीपी के केसीनेनी ने स्पीकर सुमित्रा महाजन से अपने स्थान पर अपनी पार्टी के जयदेव गल्ला को बोलने का मौका देने का आग्रह किया. गल्‍ला ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के वादे पर केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार और वर्तमान भाजपा नीत सरकार पर प्रदेश के साथ धोखा देने का आरोप लगाया. उन्‍होंने कहा कि यह राज्य की जनता और केंद्र सरकार के बीच धर्मयुद्ध है और जनता वादा नहीं पूरा करने वालों को सबक सिखाएगी. 


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पीएम पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
गल्ला ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विभाजन और तेलंगाना राज्य के गठन सबसे ज्यादा नुकसान आंध्र प्रदेश को हुआ, लेकिन संसद के भीतर और बाहर जो वादे किए गए थे वे पूरे नहीं हुए. उन्होंने आंध्र प्रदेश में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र के भाषण का हवाला देते हुए कहा-‘मोदी ने उस समय कहा था कि कांग्रेस ने मां (आंध्र प्रदेश) को मार दिया और बच्चे (तेलंगाना) को बचा लिया और अगर वह होते तो मां को भी बचा लेते.’ गल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने ये शब्द भूल गए जिसके लिए आंध्र प्रदेश की जनता भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी.


कांग्रेस पर भी मढ़े आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा ‘अलोकतांत्रिक ढंग’ से किया और भाजपा ने भी इसमें साथ दिया. इस पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने पुरजोर विरोध किया और सदन में कुछ देर व्यवधान की स्थिति पैदा हो गई. टीआरएस के एक सदस्य ने रिकार्ड से अलोकतांत्रित शब्द हटाने की मांग की. जयदेव गल्ला ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में आंध्रप्रदेश के साथ न्याय का वादा किया था लेकिन न तो कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने और पिछले 4 वर्ष में राजग सरकार ने ही वादा पूरा नहीं किया. तेदेपा सदस्य ने कहा कि आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग की उसकी लड़ाई धर्मयुद्ध है, यह बहुमत और नैतिकता के बीच युद्ध है, यह प्रदेश की जनता और मोदी सरकार के बीच युद्ध है.