अहमदाबाद: कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत 11 और 15 जुलाई को गुजरात दौरे के साथ शुरू करने जा रहे हैं. बीजेपी के गढ़ गुजरात से कांग्रेस के चुनावी प्रचार शुरू करने के सियासी निहितार्थ हैं. राहुल गांधी ने पिछले साल 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में काफी यात्राएं की थीं और चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन में सुधार के साथ 77 सीटें हासिल होने का श्रेय उनकी इन्हीं यात्राओं को दिया गया था. कांग्रेस को 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में 2012 में सिर्फ 54 सीटें मिली थीं जो 2017 में बढ़कर 77 सीटें हो गईं


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बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती
उधर बीजेपी प्रमुख अमित शाह ने 2019 में होने वाले आम चुनाव में गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों को बरकरार रखने का लक्ष्य रखा है, लेकिन 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए इसे एक मुश्किल कार्य माना जा रहा है. विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 182 में से केवल 99 सीटों पर ही जीत दर्ज की थी. हालांकि पार्टी की राज्य इकाई का कहना है कि वह 2019 में सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने को लेकर आश्वस्त हैं क्योंकि उनका मानना है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग-अलग मुद्दों पर लड़ा जाता है.


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बीजेपी का 'चिंतन शिविर'
पार्टी सूत्रों ने बताया कि दो दिवसीय 'चिंतन शिविर' के दौरान पार्टी ने 2019 चुनाव की तैयारी पर चर्चा की. यह बैठक अहमदाबाद में 24-25 जून को आयोजित की गई थी. समापन सत्र में अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से सभी 26 सीटों पर जीत के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए कहा था. बीजेपी सूत्रों ने बताया कि सत्र के दौरान अमित शाह ने पार्टी नेताओं से केंद्र में नरेंद्र मोदी और गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अगुआई वाली सरकार द्वारा किये गये 'अच्छे काम' के बारे में लोगों को अवगत कराने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से उन मतदान केंद्रों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा जहां पार्टी की संगठनात्मक संरचना कमजोर है. उन मतदान केंद्रों तक प्रमुख व्यक्तियों को संपर्क करने को कहा है.


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उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के जाति के नाम पर समाज को विभाजित करने के प्रयासों को लेकर भी चेताया और उनसे हिंदुओं की एकता पर जोर देकर सभी जातियों के वोट जीतने की दिशा में काम करने के लिए कहा. अमित शाह ने पार्टी से 'माटी का लाल' होने के कारण पीएम मोदी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का अभियान चलाने का निर्देश दिया.


(इनपुट: एजेंसियां)