Kalyan Jewellers: टेंपल ज्वेलरी दस्तकारी वाले गहनों की एक आश्चर्यजनक और जटिल शैली है, जिसका दक्षिण भारत में 9वीं शताब्दी ईस्वी से एक समृद्ध इतिहास रहा है. हालांकि परंपरागत रूप से मंदिर में देवताओं के  शृंगार के लिए इस तरह की ज्वेलरी का इस्तेमाल किया जाता था या राजसी शानो—शौकत की भी यह हिस्सा रही हैं. अब यह दुल्हनों और विशेष अवसरों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पारंपरिक टेंपल ज्वेलरी बनाने की प्रक्रिया में कौशल, सटीकता और प्रत्येक डिजाइन से जुड़े दर्शन की समझ बहुत जरूरी होती है. मंदिर के आभूषणों के निर्माण में कई चरण शामिल हैं, जो आभूषणों की डिजाइनिंग से शुरू होते हैं. डिजाइन अक्सर प्राचीन हिंदू शास्त्रों से प्रेरित होते हैं और प्रत्येक पीस का अपना अर्थ और महत्व होता है.


अगला कदम नक्काशी का है, जिसमें सोने की एक पतली शीट को पिघले हुए मोम के बेस पर रखा जाता है और विशेष उपकरणों का उपयोग करके सोने की शीट पर डिजाइन को उभारा जाता है. इसके बाद आभूषणों को प्रीशियस और सेमी-प्रीशियस स्टोन से सजाया जाता है, अंत में पॉलिश से फिनिशिंग की जाती है.


आखिरकार, पारंपरिक सोने की टेंपल ज्वेलरी को बनाना प्राचीन समय से चला आ रहा एक सम्मानित शिल्प है जिसके लिए बहुत कौशल और समर्पण की आवश्यकता होती है. अंतिम परिणाम  कला के एक शानदार नमूने के रूप में सामने आता है जो अपने आप में भारत की समृद्ध विरासत और शिल्प कौशल की कहानी कहता है.


टेंपल ज्वेरली को लेकर उठते रहे हैं सवाल
हालांकि, टेंपल ज्वेलरी बनाने में प्रयुक्त प्रक्रिया और सामग्रियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठते आए हैं. ऐसी कई तरह की निराधार चिंताएं जहां कला के इन बेहतरीन नमूनों को तैयार करने वाले कुशल कारीगरों की प्रतिष्ठा को कम करती हैं, वहीं पूरे उद्योग की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा करती हैं. यह टेंपल ज्वैलरी की कलात्मकता और सांस्कृतिक महत्व को नुकसान पहुंचाती हैं.


इन चिंताओं के जवाब में भारत के प्रसिद्ध ज्वैलरी ब्रांड कल्याण ज्वैलर्स ने अपना 4-लेवल एश्योरेंस सर्टिफिकेट पेश किया है, जो एक ग्राहक-केंद्रित पहल है. यह अपने ग्राहकों के लिए सर्वोत्तम मूल्य, गुणवत्ता और सेवा की गारंटी देता है.


कल्याण ज्वैलर्स निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से व्यवसाय करता है, जैसा कि प्रोडक्ट इंफोर्मेशन सैक्शन के 4-लेवल एश्योरेंस प्लान से स्पष्ट होता है. ब्रांड उत्पाद के कुल वजन से अन्य सामग्रियों जैसे लाख, रत्न, कांच, लकड़ी, तामचीनी आदि के वजन को घटाने के बाद उपयोग किए गए सोने के कुल मूल्य पर ग्राहक की सोने की दर को ही चार्ज किया जाता है. यह प्लान गहनों के आदान-प्रदान  और पुनर्विक्रय पर बहुत अधिक मूल्य का वादा करता है और सुनिश्चित करता है कि ग्राहक अपने लिए बेस्ट डील कर सकें.


प्लान में एक सर्टिफिकेट शामिल
4-लेवल एश्योरेंस प्लान में एक सर्टिफिकेट शामिल है जो एक्सचेंज या रीसेल के दौरान इनवॉइस में  उल्लिखित शुद्धता के मूल्य पर भुगतान का वादा करता है. कल्याण ज्वेलर्स भारत में अपने किसी भी शोरूम में खरीदे गए गहनों का मुफ्त आजीवन रखरखाव भी प्रदान करता है. अपने आभूषणों की अच्छी तरह से देखभाल से इनके मालिकों के मन में आश्वस्ति रहती है.


टेंपल ज्वेलरी में गुणवत्ता, शिल्प कौशल और ग्राहकों की संतुष्टि के प्रति प्रतिबद्धता कल्याण ज्वेलर्स के हर पीस में साफ झलकती है. सोने, हीरे और रत्नों में पारंपरिक और समकालीन आभूषण डिजाइनों की विस्तृत रेंज हर ग्राहक की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करती है. 4-लेवल एश्योरेंस प्लान के साथ, कल्याण ज्वेलर्स सर्वोत्तम मूल्य, गुणवत्ता और सेवा प्रदान करने का वादा करता है. यह सुनिश्चित होता है कि उनके ग्राहक आने वाले कई वर्षों तक अपनी टेंपल  ज्वेलरी का आनंद ले सकें.


कैसे बनती है टंपल ज्वेलरी
ज्वेलरी डिजाइनिंग:
टेंपल  ज्वेलरी बनाने में पहला कदम ज्वेलरी डिजाइन करना है. डिजाइन आमतौर पर प्राचीन हिंदू शास्त्रों से प्रेरित होती हैं और आभूषण का प्रत्येक पीस एक विशेष अर्थ और प्रतीकवाद से ओत-प्रोत होता है. डिजाइन पहले कागज पर तैयार किए जाते हैं.


नक्काशी: सोने की एक पतली शीट को पिघले हुए मोम के बेस पर रखा जाता है और कागज के डिजाइन को ऊपर रखा जाता है. इसके बाद स्पेशल टूल्स का उपयोग करके डिजाइन को सोने की शीट पर उकेरा जाता है, चिकना किया जाता है और एक अंतिम रूप देने के लिए आकार दिया जाता है.


सजावट: एक बार गहनों का मूल आकार बन जाने के बाद, प्रीशियस और सेमी-प्रीशियस स्टोन को चिमटियों या छोटे पंजों का उपयोग करके सावधानी से सोने में सेट किया जाता है. इन स्टोन को उनके रंग, स्पष्टता और आकार के आधार पर चुना जाता है और चमत्कृत कर देने वाला प्रभाव पैदा करने के लिए अक्सर जटिल पैटर्न में व्यवस्थित किया जाता है.


पॉलिशिंग: प्रक्रिया का अंतिम चरण पॉलिशिंग है, जिसमें अच्छी चमक के लिए गहनों को चिकना और बफ करना शामिल है. इसके लिए बारीकियों पर बहुत कौशल और धीरज से काम करना होता है. इस प्रक्रिया के माध्यम से किसी भी शेष रही खामी को हटा दिया जाता है.


Disclaimer- Above mentioned article is a Consumer Connect Initiative, This article is a paid publication and does not have journalistic/editorial involvement of IDPL, and IDPL claims no responsibility whatsoever.