Ministry of Consumer Affairs: अगर आपने भी फ्लैट की बुक‍िंग कराई है और लंबा समय बीतने के बाद भी उसका पजेशन नहीं म‍िला या अन्‍य कोई गड़बड़ी आपके साथ हुई है तो यह खबर आपको राहत देगी. सरकार ने घर खरीदने की प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाने और ग्राहकों को संभावित गड़बड़ियों से बचाने में मदद करने के लिए 'खरीदार समझौता मॉडल' पर काम करने को लेकर समिति गठित करने का फैसला किया है. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी की तरफ से यह जानकारी दी गई.


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अगले तीन महीने में समिति गठित होने की उम्मीद


उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि समिति के सदस्यों में न्यायाधीश, राष्‍ट्रीय और राज्य उपभोक्ता आयोग, विभिन्‍न उपभोक्ता निकाय, वकीलों के साथ उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के लोग होंगे. इस समिति के अगले तीन महीने में गठित होने की उम्मीद है. अधिकारी ने इससे पहले महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा आयोजित रियल एस्टेट क्षेत्र से संबंधित शिकायतों का प्रभावी ढंग से निवारण विषय पर एक गोलमेज बैठक को संबोधित किया था.


समस्या का निपटान आसानी से हो सकता है
उन्होंने कहा कि घर खरीदारों और कंपनियों के बीच विवाद की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है बशर्ते कि यदि एक बिल्डर और एक खरीदार के बीच अनुबंध को मानकीकृत किया जाये और एकरूपता लाई जाये. सिंह ने कहा कि यह एक अनूठा दस्तावेज होना चाहिए, जो पूरे देश में लागू हो. इससे समस्या का निपटान किया जा सकता है.


सिंह ने कहा, 'इसलिए हमने एक समिति बनाने और खरीदार और विक्रेता (बिल्डर) के बीच एक आदर्श समझौते का दस्तावेज बनाने का फैसला किया है.' उन्होंने कहा, 'हम इस मॉडल समझौते को निश्चित रूप से सभी संबद्ध पक्षों के परामर्श से तैयार करेंगे और फिर हम इसे उच्चतम न्यायालय में जमा करेंगे तथा इसे सभी राज्यों को भेजेंगे.'


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