Wave Group: अगर आपने भी नोएडा स्‍थ‍ित वेव मेगा स‍िटी (Wave Mega City) के प्रोजेक्‍ट में क‍िसी तरह की प्रॉपर्टी में न‍िवेश क‍िया है और आपका पजेशन लंबे इंतजार के बाद अभी तक भी नहीं म‍िला तो आपके ल‍िए एक राहत देने वाली खबर है. जी हां, एनसीएलएटी (NCLAT) ने वेव मेगासिटी दिवाला कार्रवाई मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेश को बरकरार रखा है. एनसीएलटी की तरफ से दिवाला कार्रवाई शुरू करने की वेव मेगासिटी की याचिका को खारिज कर दिया गया था.


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एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया
अब एनसीएलटी (NCLT) के फैसले पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने वेव मेगासिटी पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इससे पहले दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण ने पाया कि आईबीसी की धारा 10 के तहत खुद के खिलाफ दिवाला कार्रवाई शुरू करने की कंपनी की याचिका ‘दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य’ (Malicious Purpose) से भरी थी और ‘कारपोरेट देनदार को देनदारियों, जिम्मेदारियों और मुकदमे से बचाने के लिए ऐसा किया गया.’


नोएडा में यहां पर बन रहा प्रोजेक्‍ट
इसके बाद पिछले साल जून में एनसीएलटी की दिल्ली स्थित बेंच ने वेव मेगासिटी सेंटर (Wave Mega City Center) की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया. आपको बता दें वेव मेगासिटी उत्तर प्रदेश में नोएडा के सेक्टर 25A और 32 में कमर्श‍ियल और हाउस‍िंग प्रोजेक्‍ट का विकास कर रही है. वेव मेगासिटी सेंटर ने एनसीएलटी के आदेश को एनसीएलएटी के समक्ष चुनौती दी थी, जिसे अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने खारिज कर दिया. (इनपुट PTI)


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