Union Budget 2023: केंद्रीय बजट 2023 का क्रेडाई समेत सभी बिल्डर्स, डेवलपर्स ने स्वागत करते हुए एक अच्छा बजट बताया है. उनका कहना है कि शहरी बुनियादी ढांचा के लिए 10,000 करोड़ की व्यवस्था से रियल एस्टेट क्षेत्र को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा.  पूंजी निवेश परिव्यय में 33% की वृद्धि भी प्रसंशनीय कदम है.


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केंद्रीय बजट 2023 को लेकर SKA ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा है कि केंद्रीय बजट में पूंजी निवेश परिव्यय को 10 लाख करोड़ रुपये करने से सभी तरह के विकास को बढ़ावा मिलेगा. सरकार की शहरी बुनियादी ढांचा के लिए 10,000 करोड़ की व्यवस्था से रियल एस्टेट क्षेत्र को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा. वहीं, 7 लाख रुपये तक की आयकर छूट की घोषणा रियल एस्टेट के लिए वरदान हो सकती है. इससे मध्यम वर्ग के खरीदारों के बीच अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग बढ़ेगी. PMAY फंड में 79,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की घोषणा आम लोगों के घरों का सपना साकार होगा.


CRC ग्रुप के डायरेक्टर– मार्केटिंग एवं बिजनेस मैनेजमेंट सलिल कुमार ने कहा कि सरकार ने इस बजट में शहरी बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए 10,000 करोड़ प्रतिवर्ष की जो व्यवस्था की है, उससे एक व्यवस्थित विकास को बढ़ावा मिलेगा. इसका अप्रत्क्ष रूप से फायदा रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों ही सेक्टर को मिलेगा. पूंजी निवेश परिव्यय में 33% की वृद्धि भी प्रसंशनीय कदम है.


एनसीआर के क्रेडाई अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ग्रुप का कहना है कि बुनियादी ढांचे के लिए एक समावेशी और सतत विकास विकास चार्ट लगातार तीसरे वर्ष पूंजीगत परिव्यय बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% है. पीएम आवास योजना के लिए 66% की वृद्धि के साथ 79,000 करोड़ रुपये और 9,000 करोड़ रुपये MSME के लिए क्रेडिट गारंटी योजना, आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी और 'सभी के लिए आवास' वाले पीएम के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगी. 


महागुन ग्रुप के डायरेक्टर अमित जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना फंड हमेशा केंद्रीय बजट का केंद्र रहा है और इस वर्ष भी वित्त मंत्री ने PMAY फंड में 79,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की घोषणा की, जो आवंटित 48,000 करोड़ रुपये से 66% तक काफी बड़ा फंड विस्तार है. सरकार ने किफायती आवास के विकास पर जोर दिया है. 


वेस्ट यूपी के क्रेडाई अध्यक्ष एवं काउंटी ग्रुप के निदेशक अमित मोदी ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने के लिए 39,000 से अधिक अनुपालन कम किए गए हैं और 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया, जो इस साल के बजट की सबसे बड़ी उपलब्धि है. इससे रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा. 


सिल्वरग्लेड्स ग्रुप के सीईओ अनुभव जैन का कहना है कि अपेक्षित 7% विकास दर, जैसा कि वित्त मंत्री ने नए बजट में उल्लेख किया है, इससे रियल्टी सेक्टर के विकास को बढ़ावा मिलेगा. फ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ा हुआ खर्च और पीएम आवास योजना फंड में 66% की बढ़ोतरी और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के निर्माण से रियल एस्टेट सेक्टर के विकास में और मदद मिलेगी. आयकर की दर को कम करने से करदाताओं के पास अधिक डिस्पोजेबल आय होगी, जिसे रियल्टी क्षेत्र में निवेश किया जा सकता है.


बुनियाद रियल्टी लिमिटेड के डायरेक्टर अंश बत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना की मांग को पुनर्जीवित करने के लिए पूंजी प्रवाह बढ़ाने पर केंद्र का ध्यान प्रशंसनीय है. सभी मिशन के लिए आवास प्राप्त करने के लिए PMAY फंड को 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ कर दिया गया है. पूंजीगत व्यय में 10,000 करोड़ रुपये आवंटित करके इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ध्यान देने से रियल्टी क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा.


आईथम वर्ल्ड के चेयरमैन संदीप साहनी के अनुसार,  2022-23 का बजट भविष्य के लिए मेगासिटी और टियर-2 और टियर-3 शहरों के व्यवस्थित विकास की आवश्यकता पर केंद्रित है. टीयर-2 और 3 शहरों के लिए एक मजबूत एवं शहरी बुनियादी ढांचा विकास करने हेतु एक विशेष कोष (UIDF) स्थापित किया जाएगा और इसके लिए सालाना 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने की उम्मीद है,जिसका राष्ट्रीय आवास बैंक प्रबंधन करेगा और सार्वजनिक एजेंसियां टीयर-1 और 2 शहरों  में बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए इस कोष का उपयोग करेंगी. इससे अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे और जिसके परिणामस्वरूप नए रियल एस्टेट डेस्टिनेशन बनेंगे.


आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग के अनुसार, नई कर व्यवस्था और नए कर स्लैब के तहत 7 लाख रुपये तक की आय पर छूट सहित आयकर स्लैब में बदलाव से निस्संदेह मध्यम वर्ग को लाभ होगा. यह भविष्य के निवेश में बदल सकता है, इसलिए उतार-चढ़ाव अभी बाकी है. बुनियादी ढांचे के विकास और स्मार्ट शहरों के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हुए सालाना आधार पर 10,000 करोड़ रुपये का शहरी बुनियादी ढांचा कोष स्थापित किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी मांग बढ़ेगी. क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) की अनुमति घर खरीदारों को अधिग्रहण करने के लिए मौद्रिक लचीलापन देगी, जिससे PMAY के तहत 80 लाख घरों के निर्माण के सरकार के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी.


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