नोएडा के इस सेक्‍टर में बनेगा मेट्रो का कामर्शियल हब, क्‍या है यहां से कमाई करने का प्‍लान?
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नोएडा के इस सेक्‍टर में बनेगा मेट्रो का कामर्शियल हब, क्‍या है यहां से कमाई करने का प्‍लान?

NMRC Plan: एनएमआरसी कमर्श‍ियल हब के निर्माण के लिए ईओआई जारी कर रहा है. मेट्रो इसी जमीन से रेवेन्‍यू प्राप्त करना चाहता है इसलिए एनएमआरसी (NMRC) ने यह ऑफर दिया है.

नोएडा के इस सेक्‍टर में बनेगा मेट्रो का कामर्शियल हब, क्‍या है यहां से कमाई करने का प्‍लान?

Commercial Hub in Noida: नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) सेक्टर-94 में कमर्शियल हब बनाने जा रहा है. कमर्शियल हब बनाने के लिए डेवलपर्स का सहारा लिया जाएगा. इसके लिए एनएमआरसी (NMRC) एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी करने जा रहा है. इसमें आने वाली कंपनियों में से क‍िसी एक कंपनी को फाइनल कि‍या जाएगा. ये कंपनी एनएमआरसी (NMRC) को बताएगी कि इस जमीन पर किस तरह से कामर्शियल हब संचालित किया जा सकता है. इसके बाद टेंडर जारी कर कंस्‍ट्रक्‍शन का काम कराया जाएगा. इसका संचालन एनएमआरसी करेगी.

लैंड पार्सल पर प्राधिकरण कामर्शियल योजना ला चुका

एनएमआरसी (NMRC) के एग्‍जीक्यूट‍िव डायरेक्टर महेंद्र प्रसाद ने बताया कि सेक्टर-94 में एनएमआरसी की करीब 3.75 हेक्टेयर जमीन है. ये जमीन एनएमआरसी की है. इसमें कुछ हिस्सा डीएमआरसी का भी है. डीएमआरसी ने इस पर अपनी सहमति दे दी है, यही पर निर्माण किया जाएगा. इससे पहले भी इस लैंड पार्सल पर प्राधिकरण अपनी कामर्शियल योजना ला चुका है. दो बार में एक भी कंपनी नहीं आने पर ये जमीन वापस एनएमआरसी और डीएमआरसी को दे दी गई थी.

डेवलपर्स को 30 और 90 साल के लीज पर देने की योजना
एनएमआरसी यहां निर्माण के लिए ईओआई जारी कर रहा है. मेट्रो इसी जमीन से राजस्व प्राप्त करना चाहता है इसलिए एनएमआरसी ने यह ऑफर दिया है. जानकारी के मुताबिक नोएडा मास्टर प्लान और नोएडा बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक इतनी जमीन पर कमर्शियल उपयोग की अनुमति है. इस जमीन को मेट्रो की ओर से डेवलपर्स को 30 और 90 साल के लीज पर देने की योजना है. जमीन के विकास की योजना के लिए पांच मॉडल पर काम किया जा रहा है.

पहले मॉडल में जमीन को शॉर्ट टर्म पर लीज पर देकर राजस्व की प्राप्ति की जा सकती है. जो एजेंसी इसे लेगी वह खुद ही डेवलपमेंट करेगी. दूसरी योजना में स्पेशल पर्पस व्हीकल पर संयुक्त तौर पर विकास की योजना है. तीसरे में इस जमीन का फेज वाइज डेवलपमेंट किया जा सकता है. चौथा जमीन को लांग टर्म लीज पर भी दिया जा सकता है. वहीं पांचवीं योजना में डेवलपर्स से यह राय ली जाएगी कि वह यहां किस तरह से कमर्शियल हब बना सकता है. (IANS) 

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