Ultra Luxury Flat Demand: रिपोर्ट के अनुसार हर 10 में से 3 से ज्यादा (35 प्रतिशत) भारतीय प्रॉपर्टी खरीदने वाले लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी घरों का रुख कर रहे हैं. यह पिछली तिमाही के आंकड़े 18 प्रतिशत से करीब दोगुना है.
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कोविड महामारी के बाद दिल्ली-एनसीआर समेत दूसरे मेट्रो सिटी में अल्ट्रा-लग्जरी घरों की मांग में तेजी आई है. हाल ही में मैजिकब्रिक्स की तरफ से किये गए एक सर्वे से यह सामने आया है कि घर खरीदार ऐसे अल्ट्रा लग्जरी घरों को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं जिनकी कीमत तीन करोड़ रुपये से ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार हर 10 में से 3 से ज्यादा (35 प्रतिशत) भारतीय प्रॉपर्टी खरीदने वाले लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी घरों का रुख कर रहे हैं. यह पिछली तिमाही के आंकड़े 18 प्रतिशत से करीब दोगुना है. इससे पहले भी एनरॉक की रिपोर्ट से सामने आया था कि घर खरीदारों के बीच 2 बीएचके की बजाय 3 और 4 बीएचके की डिमांड ने जोर पकड़ा है.
बिल्डर लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी प्रोजेक्ट का रुख कर रहे
रियर एस्टेट मार्केट में पिछले कुछ सालों में आए बदलाव को देखते हुए बिल्डर भी तेजी से लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी प्रोजेक्ट का रुख कर रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सीआरसी ग्रुप ने बढ़ती कंज्यूमर मांग को पूरा करने के लिए ग्रेटर नोएडा में अल्ट्रा-लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट डेवलप करने का ऐलान किया है. इसके लिए कंपनी की तरफ से 525 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि कंपनी नए हाउसिंग प्रोजेक्ट ‘सीआरसी मेस्टा’ में 358 अपार्टमेंट डेवलप करेगी.
चार एकड़ जमीन पर फैला होगा यह प्रोजेक्ट
सीआरसी मेस्टा ग्रेटर नोएडा-वेस्ट (नोएडा एक्सटेंशन) में करीब चार एकड़ जमीन पर फैला होगा. सीआरसी ग्रुप के फाउंडर सीईओ कुणाल भल्ला ने बताया इसमें करीब 525 करोड़ रुपये का निवेश होगा. भल्ला ने बताया कि प्रोजेक्ट से 800 करोड़ रुपये की बिक्री होने की उम्मीद है. सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड बिजनेस मैनेजमेंट) सलिल कुमार ने बताया, 'हमारा नया प्रोजेक्अ सीआरसी ग्रुप के लिए अहम कदम है क्योंकि हम अल्ट्रा-लग्जरी सेग्मेंट में एंट्री कर रहे हैं.' ग्रुप ने 2015 में रियल एस्टेट डेवलपमेंट बिजनेस में एंट्री की थी.
लाइफस्टाइल में बदलाव आने से बदला ट्रेंड
मैजिकब्रिक्स के सर्वे के अनुसार 45 प्रतिशत लोग 2,000 वर्ग फीट या उससे ज्यादा बड़ा घर लेने की योजना बना रहे हैं. इसकी वजह कोरोना के बाद लाइफस्टाइल में बदलाव आना है. 56 प्रतिशत लोग 3 बीएचके या उससे अधिक बढ़ा घर खरीदना चाहते हैं. भारत में ज्यादातर घर खरीदारों का मानना है कि अगले 12 महीनों में घरों की कीमतें 6 से 15 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार 20 लाख से 30 लाख रुपये सालाना के बीच की आय वाले घर खरीदने के लिए सबसे मजबूत प्राथमिकता दिखा रहे हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 1 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए, पसंदीदा बजट आमतौर पर 3.5-5 करोड़ रुपये के बीच है. अधिक भारतीय अब "लाइफस्टाइल रेजिडेंस" का विकल्प चुन रहे हैं. रियल एस्टेट निवेश के लिए अभी भी सबसे पसंदीदा संपत्ति वर्ग बना हुआ है. (इनपुट भाषा और आईएएनएस)