Father-Son Relationship Tips: पिता और पुत्र दोनों ही एक दूसरे के लिए बहुत खास होते है. ये रिश्ता अपने में काफी अलग होता है. जब बेटा जन्म लेता है, तो पिता को यह एहसास होने लगता है कि उसका कोई साथी, कोई कदम से कदम मिलाने वाला इंसान इस दुनिया में आ गया है. वहीं जब बच्चा छोटा होता है, तो वो पिता को ही अपना रोल मॉडल समझता है. हालांकि जैसे-जैसे पुत्र बड़ा होने लगता है, वैसे-वैसे पिता से उसकी दूरियां भी बढ़ने लगती हैं. कई बार स्थिति ऐसी बन जाती है, कि ना चाहकर भी पिता और पुत्र के बीच दूरियां आने लगती हैं और वैचारिक मतभेद होने लगता है.


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पिता और पुत्र के बीच बढ़ती दूरियों और होने वाली अनबन की कई वजह हो सकती हैं. इस फादर्स डे पर हम आपको बताएंगे 
कि पिता और पुत्र के बीच हुए मनमुटावों को कैसे खत्म किया जा सकता है. इसके लिए ये तरीके काम आ सकते हैं.


 क्या होता है मतभेद का कारण


1. आपको बता दें, एक परिवार में विभिन्न रिश्ते होते हैं, ऐसे में जरूरी नहीं है कि हर एक इंसान के विचार एक दूसरे से मिलें. इसी तरह पिता और पुत्र के बीच भी अनबन के कई कारण हो सकते हैं. इसमें सबसे पहला कारण होता है जनरेशन गैप का. बाप-बेटे के उम्र में अंतर उनके बीच दूरियां पैदा करता है.


2. अक्सर ऐसा देखा गया है कि मां का मन काफी कोमल होता है, वहीं पिता थोड़ा कठोर स्वभाव के होते हैं. एसलिए बेटे को सही रास्ता दिखाने के लिए वो सख्ती से पेश आते हैं. इस वजह से भी बेटा और पिता के बीच मनमुटाव हो जाता है.


3. कई बार पिता और पुत्र के आपस में विचार नहीं मिलते हैं. वैचारिक मतभेद भी एक वजह हो सकती है. वैसे तो किसी भी रिश्ते में वैचारिक मतभेद हो सकता है, लेकिन पिता और पुत्र दोनों ही पुरुष होते हैं. ऐसे में मेल ईगो उनके रिश्ते को खराब कर देता है.