Abu Dhabi Hindu Temple: बीएपीएस संस्था द्वारा अबू धाबी में बनाया गया पहला हिंदू मंदिर का उद्घाटन बीचे महीने 14 फरवरी के दिन किया गया था. और 1 मार्च से इस मंदिर को आम जनता के लिए खोल दिया गया है. बता दें कि 15 फरवरी से 29 फरवरी तक सिर्फ उन्हीं लोगों को इजाजत थी, जिन्होंने पहले से ही रजिस्ट्रेशन करवा लिया था. बता दें कि मंदिर खुलने का समय सुबह 9 बजे से लेकर रात को 8 बजे तक है. मंदिर में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं है, लेकिन प्रवेश के लिए कुछ ऐसे नियमों को बनाया गया है,  जिन्हें पहले से जान लेना जरूरी है. 


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ऐसे कपड़े पहन कर करें प्रवेश 


बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्खा के स्वंयसेवक और कर्मचारी लोगों की सहायता के लिए वहां मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही मंदिर में एक शालीन पोषाक के साथ ही एंट्री कर  सकते हैं. मंदिर ने पर्यटकों से अनुरोध किया है, कि मंदिर में कंधों से लेकर घुटने ढके हुए होने चाहिए. इसके साथ ही, कपड़ों पर आपत्तिजन डिजाइन और नारे आदि नहीं होने चाहिए. 


इतना ही नहीं, मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए पारदर्शी, पारभासी या टाइट, फिटिंग के वस्त्र भी न पहनें. इन नियमों को नजरअदांज कर अगर मंदिर कर्मचारियों द्वारा किसी व्यक्ति की पोशाक को अनुचित नहीं पाया गया , तो उन्हें प्रवेश से रोका जा सकता है.  
 
बाहरी भोजन और पेय पर्दाथ भी है वर्जित 


मंदिर में जाने वाले लोगों को अंदर पालतू जानवर ले जाने की अनुमतिु नहीं दी गई है. इसके साथ ही, बाहरी खाना और पेय पदार्थों को भी अंदर ले जाना मना है. मंदिर में सात्विक भोजन उपलब्ध होगा. इसके साथ ही ड्रोन की भी सख्त मनाही है. अगर व्यवसायिक और पत्रकारिता के उद्देश्य से फोटोग्राफी की जा रही है, तो उसके लिए विभाग की परमिशन जरूरी है. 


इन चीजों की भी है मनाही 


मंदिर में अकेले बच्चों के घूमने को लेकर भी मना किया गया है. मंदिर परिसर में बच्चों के साथ एक व्यस्क का होना जरूरी है. साथ ही, अंदर बैग, बैकपैक, केबिन सामान की भी मनाही है. हथियार, नुकीली चीजें, माचिस, आदि भी अंदर नहीं ले जा सकते. मोबाइल फोन का उपयोग मंदिर के बाहरी हिस्से में किया जा सकता है, लेकिन मंदिर के अंदर ले जाना सख्त मना है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)