Akshay Tritiya Shopping: वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं. हिंदू धर्म में इस तिथि का बहुत ही अधिक माना  गया है. इस दिन अपनी राशि के अनुसार की गई खरीददारी और ग्रहों के हिसाब से दान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.


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राशि के अनुसार शॉपिंग


मेष- सोना एवं पीतल 


वृष-  चांदी एवं स्टील


मिथुन- सोना चांदी व पीतल


कर्क- चांदी कपड़े


सिंह - सोना व तांबा


कन्या- सोना चांदी पीतल


तुला- चांदी, इलेक्ट्रॉनिक्स व फर्नीचर


वृश्चिक- सोना व पीतल


धनु- सोना, पीतल, फ्रिज, वाटर कूलर


मकर - सोना, पीतल, चांदी व स्टील


कुंभ- सोना चांदी पीतल स्टील व वाहन


मीन- सोना, पीतल, पूजन सामग्री व बर्तन


ग्रहों से संबंधित दान


सूर्य- लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, स्वर्ण, घी व केसर का दान सूर्योदय के समय करना लाभप्रद होता है. 


चंद्रमा- चावल, मोती, शंख, कर्पूर, मिश्री आदि का दान संध्या के समय करना चाहिए. 


मंगल- गुड़, घी, लाल कपड़े, कस्तूरी, केसर, मसूर की दाल, मूंगा, तांबे के बर्तन आदि का दान सूर्यास्त से करीब पौन घंटे पहले ही करना उचित रहता है. 


बुध- कांसे के पात्र, मूंग, हरे वस्त्र, फल आदि का दान दोपहर के बाद करना चाहिए. 


गुरु- चने की दाल, धार्मिक पुस्तकें, पीला वस्त्र, हल्दी, केसर, पीले फल आदि का दान संध्या के समय करना चाहिए.


शुक्र- चांदी, चावल, मिश्री, दूध, दही, इत्र, सफेद चंदन आदि का दान सूर्योदय के समय करना चाहिए.


शनि- लोहा, उड़द की दाल, सरसों का तेल, काले वस्त्र, जूते दोपहर के समय करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. 


राहू- तिल, सरसों, सप्तधान्य, लोहे का चाकू, चलनी, सूपा, सीसा, कंबल, नीला वस्त्र आदि का दान रात के समय करना लाभप्रद रहता है.


केतु- लोहा, तिल, सप्तधान, तेल, दो रंगे या चितकबरे कंबल अथवा अन्य कपड़े, शस्त्र का दान निशा काल में करना चाहिए. 


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