Sawan ke Upay: शरीर का कष्ट ऐसा कष्ट है जो पूजा पाठ जैसे कार्यों में मन नहीं लगने देता है, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता हैं, इसलिए शरीर का स्वस्थ होना जरूरी है. हम सबके भीतर बैठे परमात्मा का मंदिर यह शरीर है. शरीर पर जब कोई रोग या कष्ट आ जाता है, तब तमाम उपायों को अपनाने के साथ ज्योतिषीय सलाह भी लेते है. किसी भी तरह का मारकेश हो, उसे कम करने के लिए अंतिम उपाय महामृत्युंजय मंत्र का जाप बताया जाता है. यह महामृत्युंजय मंत्र महादेव की ही उपासना है. जिन लोगों को भी शारीरिक कष्ट है, वह इस सावन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए शिव की शरण में जाए. यही रोग मुक्ति पाने का सर्वोत्तम उपाय है. 


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महामृत्युंजय मंत्र - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। 
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥


यदि स्वस्थ व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है तो  वह भी रोगों से दूर रहता है. कम से कम 11 बार मंत्र का जाप करने के बाद घर से निकलना चाहिए, इससे जीवंतता बढ़ती है, नकारात्मक ऊर्जा का प्रहार नहीं होता है और शरीर स्वस्थ होता है. यह मंत्र भगवान शिव के प्रति एक दिव्य प्रार्थना है, जिससे व्यक्ति के अंदर शिव तत्व की ऊर्जा बढ़ने लगती है. ज्‍योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी से जानते हैं ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव को दूर करने के उपाय. 


इस तरह करें शिवलिंग का पूजन


ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव के कारण भी लोगों को कई तरह के रोगों का सामना करना पड़चा है, इससे सबंधित रोग को दूर करने के लिए इस प्रकार से करें शिवलिंग पूजन.


सूर्य ग्रह दोष : सूर्य से संबंधित बीमारी दूर करने के लिए महामृत्यजंय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पूजन आक के पुष्पों-पत्तों एवं बिल्व पत्रों से करना चाहिए.


चंद्र ग्रह दोष : चंद्रमा की नकारात्मकता को दूर करने के लिए मंत्र का उच्चारण करते हुए दूध से अभिषेक  और सफेद पुष्प चढ़ाना है.


मंगल ग्रह दोष : मंगल से संबंधित बीमारी के लिए गिलोय जड़ी-बूटी के रस से अभिषेक करें. पूरा अभिषेक करने के बाद लाल चंदन, लाल कुमकुम से बाबा को तिलक लगाएं.


बुध ग्रह दोष : यदि बुध ग्रह के कारण आपको कोई दिक्कत हो रही है, बाबा का  जलाभिषेक करें उन्हें बेल पत्र चढ़ाएं, हरे रंग की चीजों से उनका श्रृंगार करें.


गुरु ग्रह दोष : गुरु ग्रह के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए केसर का तिलक, गाय का घी, दूध हल्दी मिश्रित चढ़ाना चाहिए.


शुक्र ग्रह दोष : शुक्र से संबंधित बीमारी के उपाय के लिए पंचामृत, शहद, सफेद खुशबूदार फूल से शिवलिंग को चढ़ाना चाहिए.


शनि ग्रह दोष : शनि ग्रह से जुड़ी बीमारी के लिए  गन्ने के रस  व छाछ से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. नीले रंग के पुष्प से बाबा का श्रृंगार करना चाहिए.


राहु ग्रह दोष : राहु की शांति के लिए शिवलिंग के साथ सर्प को भी चंदन लगाना है. जलाभिषेक, काल तिल, नीले और बैगनी रंग के पुष्प चढ़ाना चाहिए.


केतु ग्रह दोष : केतु की शांति के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक करने के साथ  त्रिशूल का भी अभिषेक करना है और नोंकदार बेलपत्र चढ़ाना है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)