Surya Grahan 2024 in India Date and Time: पितृ पक्ष के 15 दिनों का हिंदू धर्म में बहुत महत्‍व है. इन 15 दिनों में पितर या पूर्वज पितृ लोक से मृत्‍यु लोक में आते हैं. तब परिवारजन उनके सम्‍मान में और उनकी आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि अनुष्‍ठान करते हैं. इससे पितृ प्रसन्‍न होते हैं. पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से प्रारंभ होते हैं और अश्विन अमावस्‍या पर समाप्‍त होते हैं. अश्विन अमावस्‍या के दिन पितर अपने पितृलोक लौट जाते हैं, लिहाजा इस दिन पितरों को विदाई दी जाती है. इसे सर्व पितृ अमावस्‍या, पितृ मोक्ष अमावस्‍या और महालया भी कहते हैं. इस साल 18 सितंबर 2024 से पितृ पक्ष या श्राद्ध शुरू हो रहे हैं, जो कि 2 अक्‍टूबर 2024 को समाप्‍त होंगे. इस साल पितृ पक्ष पर अजीब स्थिति बन रही है, क्‍योंकि पितृ पक्ष की शुरुआत और समापन दोनों ही दिन ग्रहण पड़ रहे हैं, जिन्‍हें हिंदू धर्म में शुभ नहीं माना जाता है. सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण में कोई भी शुभ कार्य, पूजा-पाठ नहीं किया जाता है. 

 


चंद्र ग्रहण से पितृ पक्ष होगा प्रारंभ

 

इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से होने जा रही है. 18 सितंबर को श्राद्ध के पहले ही दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है. यह साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण होगा. भारतीय समय के अनुसार यह चंद्र ग्रहण सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर प्रारंभ होगा और सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर समाप्‍त होगा. हालांकि यह चंद्र ग्रहण दिन में लगने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका भारत में सूतक काल मान्‍य नहीं होगा. फिर भी पहले दिन का श्राद्ध ग्रहण का मोक्ष काल खत्‍म होने के बाद ही करना उचित रहेगा. 

 


पितृ पक्ष के आखिरी दिन सूर्य ग्रहण 

 

पितृ पक्ष का समापन भी ग्रहण में ही हो रहा है. 2 अक्‍टूबर 2024 को पितृ पक्ष या श्राद्ध के आखिरी दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है. सर्व पितृ अमावस्‍या के दिन सूर्य ग्रहण का लगना शुभ नहीं कहा जा सकता, क्‍योंकि इसी दिन पितरों को विदाई दी जाती है. 

 

भारतीय समयानुसार, साल के दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्‍टूबर की रात 9 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा और देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्‍त होगा. यह सूर्य ग्रहण भी भारत में दृश्‍यमान नहीं होगा. लिहाजा साल के दूसरे सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी मान्‍य नहीं होगा. लिहाजा अमावस्‍या पर पितरों को विदाई देने के श्राद्ध, तर्पण आदि अनुष्‍ठान में कोई रुकावट नहीं आएगी. 

 


 

अशुभ होता है 15 दिन में 2 ग्रहण लगना 

 

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार एक ही पक्ष में यानी कि 15 दिन में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों का लगना अच्‍छा नहीं होता है. लिहाजा इस दौरान संभलकर रहना चाहिए. साथ ही पितृपक्ष पर भी ग्रहण का साया शुभ नहीं माना जाएगा.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)