शशिशेखर त्रिपाठी, दिल्ली: पूजा का कार्य न केवल एक धार्मिक क्रिया है, बल्कि यह हमारी आस्था और विश्वास का प्रतीक भी है. लेकिन कई बार, अनजाने में की गई कुछ गलतियाँ हमारी भक्ति और समर्पण को प्रभावित कर सकती हैं. इन गलतियों से बचकर आप अपनी पूजा को और अधिक फलदायी बना सकते हैं. सच्चे मन से की गई पूजा से भगवान की कृपा प्राप्त होती है, इसलिए ध्यान रखें कि आपकी श्रद्धा और समर्पण में कोई कमी न आए. सही तरीके से पूजा करने से आप न केवल भगवान को प्रसन्न करेंगे, बल्कि अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी प्राप्त कर सकेंगे. 


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यदि आप भी पूजा में ध्यान नहीं देते हैं, तो यह आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है. आज हम 10 गलतियों के बारे में चर्चा करेंगे, जो पूजा के फल को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं.


इन बातों का रखें विशेष ध्यान


1. गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं


गणेश जी की पूजा करते समय तुलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि तुलसी को भगवान गणेश पसंद नहीं करते हैं और यदि आप उन्हें तुलसी चढ़ाते हैं, तो यह उनकी कृपा को दूर कर सकता है. इससे पूजा का फल नकारात्मक हो सकता है. 


2. देवी पर दूर्वा न चढ़ाएं


इसी तरह, देवी की पूजा करते समय दुर्वा चढ़ाना उचित नहीं है. दुर्वा को देवी का अपमान माना जाता है. इससे आप अपनी भक्ति को हानि पहुंचा सकते है और देवी की कृपा प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है.


3. शिवलिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं


शिवलिंग पर केतकी फूल चढ़ाना भी गलत है. शिव जी के प्रति यह अपमानजनक समझा जाता है. केतकी फूल का उपयोग पूजा में नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपकी भक्ति का प्रभाव कम हो सकता है. इसके बजाय, आप बेलपत्र, धतूरा, या अन्य पवित्र फूलों का उपयोग कर सकते हैं.


4. तुलसी पत्र चबाकर न खाएं


तुलसी पत्र को चबाकर नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह पूजा की पवित्रता को नकारता है. तुलसी का महत्व बहुत अधिक है और इसे आदरपूर्वक ही लेना चाहिए. इसका उपयोग केवल भक्ति के उद्देश्य से करना चाहिए.


5. परिवार में सूतक हो तो पूजा प्रतिमा स्पर्श न करें


यदि आपके परिवार में किसी सदस्य का सूतक है, तो पूजा की प्रतिमा को छूने से बचें. सूतक की स्थिति में प्रतिमा का स्पर्श करना पूजा की पवित्रता को बिगाड़ सकता है और इससे आपकी भक्ति में कमी आ सकती है. इस स्थिति में, घर में अन्य धार्मिक क्रियाएं की जा सकती हैं, लेकिन प्रतिमा का स्पर्श न करें.


6. शिव जी की पूरी परिक्रमा न करें


जब आप शिव जी की पूजा करते हैं, तो यह आवश्यक है कि आप उनकी पूरी परिक्रमा न करें और यह भी ध्यान रखें कि शिव के अर्घे से जो जल निकलता है उसको भूलकर भी न लांघें. ऐसा करने से शिव और पार्वती रुष्ट हो जाते हैं. 


7. मंदिर में तीन गणेश मूर्ति न रखें


पूजा घर एक ही गणेश की मूर्ति स्थापित करें क्योंकि एक ही मंदिर में तीन गणेश की मूर्तियां रखना अशुभ माना जाता है. इससे पूजा में विघ्न आता है और भगवान की कृपा प्राप्त होने में बाधा आती है.


8. द्वार पर जूते चप्पल उल्टे न रखें


द्वार पर जूते चप्पल उल्टे रखने से घर में नकारात्मकता आ सकती है. यह एक अशुभ संकेत माना जाता है और इससे घर में वास करने वाली सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है. जूते चप्पल हमेशा सीधा रखें और दरवाजे के बाहर ही छोड़ दें.


9. मंदिर से आने और पूजा करने के बाद, तुरंत हाथ धोना है मना


मंदिर से आने और पूजा करने के बाद तुरंत हाथ धोने से बचना है. ऐसा करना पूजा की पवित्रता को बिगाड़ सकता है. इसे कुछ समय तक पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है, जिससे आपकी भक्ति में वृद्धि हो. पूजा के बाद, पहले श्रद्धा से बैठें और फिर हाथ धोएं.


10. दूसरे के दीपक में अपना दीपक जलाना नहीं चाहिए


दूसरे के दीपक में दीपक जलाना उचित नहीं है. ऐसा करने से आपके खुद के दीपक की ज्योति प्रभावित हो सकती है. हमेशा अपने दीपक को अलग से जलाएं और अपनी भक्ति का प्रदर्शन करें.