Gomed Kisko Pehanna Chaiye: रत्न शास्त्र के अनुसार ग्रहों की शुभता और उनसे जुड़े दोष से राहत पाने के लिए रत्न धारण किए जाते हैं. हर रत्न का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. रत्न धारण करने से व्यक्ति को खूब मान-सम्मान और धन-वैभव प्राप्त होता है. हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी या फिर विद्वान की सलाह जरूर लेनी चाहिए. इसी के चलते आज हम आपको गोमेद रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं. इस रत्न का संबंध राहु ग्रह से होता है. आइए जानते हैं गोमेद पहनने के नियम फायदे और नुकसान.


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गोमेद रत्न धारण करने के फायदे
- रत्न शास्त्र के अनुसार गोमेद रत्न धारण करने से व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है.
भ्रम और अनिर्णय से उबरने के लिए गोमेद रत्न पहनना शुभ होता है.
साहस, आत्मविश्वास और निडरता पाने के लिए गोमेद पहनना चाहिए.
दांपत्य जीवन में मिठास और मुश्किलें दूर करने में गोमेद रत्न मदद करता है.
जो व्यक्ति गोमेद रत्न धारण करता है उसको अपार सफलता प्राप्त होती है.



किन राशियों के लिए शुभ होता है गोमेद?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गोमेद रत्न वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ राशि के लोगों को गोमेद शुभ परिणाम देता है. इसके अलावा अगर राहु राशि के छठवें और आठवें भाव या लग्न में हो तो उसके लिए भी गोमेद अच्छा रहता है.



किसको नहीं पहनना चाहिए गोमेद रत्न?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गोमेद रत्न मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि के जातकों को नहीं पहनना चाहिए. गोमेद के अशुभ परिणाम से चोट, दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.


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गोमेद रत्न धारण करने के नियम
रत्न शास्त्र के अनुसार कम से कम 6 से 7 रत्ती का गोमेद रत्न धारण करना चाहिए.
गोमेद को धारण करने के लिए अष्टधातु की अंगूठी का प्रयोग करना शुभ माना जाता है.
गोमेद रत्न पहनने के लिए शनिवार का दिन लाभकारी होता है.
अंगूठी धारण करने से पहले गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लें.


(Disclaimer: कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी विद्वान और ज्योतिषी की सलाह जरूर लें. यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)