Palmistry: शास्त्रों में शरीर में अंगों का महत्व होता है. उदाहरण के तौर पर छोटी सी आंख देखने का कार्य करती है तो कान सुनने का कार्य करते हैं. जिस तरह से शरीर के सभी अंगों का महत्व होता है उसी तरह हर अंग की बनावट उस व्यक्ति के स्वभाव के बारे में बताती है. हाथ की अंगुली उसमें तीन हिस्से होते हैं. इन तीन हिस्सों की बनावट भी उस इंसान के बारे में बहुत कुछ दर्शाता है. आज हम आपको अंगूठे की बनावट से आपके स्वभाव के बारे में बताएंगे. आइए जानते हैं.


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पहला पोर हो लंबा


 


जिन लोगों के हाथ के अंगूठे में पहला पोर कुछ अधिक लंबा होता है ऐसे लोग स्वतंत्र निर्णय लेने वाले होते हैं. यह किसी से प्रभावित होकर निर्णय नहीं लेते बल्कि परिस्थितियों का ठीक से विश्लेषण करने के बाद अच्छे बुरे का विचार कर बिना किसी से प्रभावित हुए निर्णय लेते हैं. ऐसे लोगों का व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावी होता है. ये लोग जहां भी जाते हैं अपनी छाप जरूर छोड़ देते हैं. इन लोगों ने नेतृत्व करने का गुण सबसे अधिक प्रधान होता है, यह जहां भी जाते हैं अगुवाई ही करते हैं. 


 


बीच के पोर की बनावट


 


इससे ठीक उलट जिन लोगों के अंगूठे के बीच का पोर यदि बड़ा होता है तो वह व्यक्ति वाचाल प्रवृत्ति का होता है. ऐसे लोग तर्क-कुतर्क करने में बहुत माहिर होते हैं और हमेशा दोहरी भूमिका में रहते हैं इन्हें समझ पाना आसान नहीं होता है. इनके कार्य करने का तरीका समझ पाना कठिन होता है, दिल और दिमाग दोनों को समय के अनुसार चलाते हैं. 


 


इस तरह का अंगूठा


 


जिन लोगों के तर्जनी अंगुली के बीच वाले पोर तक पहुंचने वाले अंगूठे होते हैं ऐसे व्यक्ति विचारशीलता और बौद्धिक अभाव को दर्शाते हैं. किसी ग्रुप में विचार विमर्श के दौरान ऐसे लोग न बोलें तो ही अच्छा रहता है क्योंकि जैसे ही ये बोलना शुरु करते हैं वह अपने बौद्धिक अभाव को दर्शा देते हैं. उनके कुछ बोलते ही पता लग जाता है कि वह बौद्धिक रूप से कितने हल्के हैं.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)