Rahu Mahadasha: राहु ग्रह को मायावी शक्तियों का कारक माना जाता है, ग्रहों में यह छाया ग्रह है. छाया का अर्थ है प्रकाश हीन होना, वैसे तो शनि भी प्रकाशहीन ग्रह है किंतु इसमें प्रकाश न होने का दोष शनि से भी बढ़कर है. राहु अचानक ही घटनाओं को घटित कराने की क्षमता भी रखता है. किसी भी व्यक्ति की कुंडली में राहु की महादशा 18 वर्ष होती है अर्थात किसी एक राशि में वह डेढ़ वर्ष तक ही रहता है और जिस राशि में विचरण करता है उसके प्रभावों को घटा देना या बढ़ा देना ही इसका फल होता है. 


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राहु का सकारात्मक प्रभाव
कुंडली में राहु के सकारात्मक और बली रहने की स्थिति में व्यक्ति ऊर्जावान, साहसी, प्रतापी और शत्रु पर विजय प्राप्त करने वाला तथा कुशल राजनीतिज्ञ बनता है. 


 


राहु का नकारात्मक प्रभाव
दुर्बल हो जाए तो व्यक्ति के अंदर दूरदर्शिता और कूटनीति की समझ में कमी आ जाती है. राहु भुजाओं को बल बढ़ाता है यानी टीम अच्छी मिलती है, जो आपके कार्य को बढ़ाने का कार्य करती है.


 


स्वास्थ्य में आती है दिक्कतें
राहु की दूसरी अवस्था कुपित की होती है और इस स्थिति में व्यक्ति अनुशासन, धैर्य, समर्पण, संतोष और वाणी का संयम खो देता है. वह किसी भी मामले में अपने बुजुर्गों से सलाह लेना पसंद नहीं करता है और इस तरह वह अपना काम स्वयं ही बिगाड़ लेता है. वह अपनी ही बुद्धि को सर्वश्रेष्ठ समझता है. 


 


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बीमारियां घेर लेती हैं
राहु की दशा में व्यक्ति पेट, सिर के साथ ही इन्फेक्शन जैसी बीमारियों से घिर जाते हैं, और जब वह डॉक्टर के दिखाने जाता है तो डॉक्टर भी पहली बार उसकी बीमारी को डायग्नोस नहीं कर पाते. 


 


बरतें ये सावधानियां


राहु की दशा में अमुक व्यक्ति को सदैव हाइजैनिक रहना चाहिए. कोई भी महत्वपूर्ण कार्य बिना किसी जानकार से सलाह लिए बिना निर्णय नहीं लेना चाहिए. मादक पदार्थ का सेवन और जंक फूड  से दूरी बनाकर चलने से ही रोगों से बच सकता है. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)