Tilak Rules: माथे पर चंदन का तिलक लगाने में ना करें ऐसी गलती, जान लें लगाने की सही तरीका और मंत्र
Chandan Tilak Rules: हिंदू धर्म में पूजा के दौरान माथे पर तिलक लगाना और करना काफी शुभ माना जाता है. मान्यता है कि तिलक के बिना कोई भी धार्मिक कार्य पूरा नहीं माना जाता है. बातइें कि कई लोगों को अभी तक तिलक लगाने की सही विधि और नियम के बारे में पता ही नहीं है, जिस वजह से उन्हें पूजा के फल की पूर्ण प्राप्ति नहीं हो पाती है.
Benefits Of Tilak On Forehead: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य में माथे पर तिलक लगाना अच्छा माना जाता है. मान्यता है कि व्यक्ति जो भी कार्य करने जा रहा है उसे जरूर सफलता प्राप्त हो. वहीं कहीं भी धार्मिक कार्य में माथे पर तिलक लगाना और करना काफी शुभ मानते हैं. दरअसल ऐसा करना पूजा के शुभ फल की प्राप्ति दिलाता है.
हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही माथे पर तिलक लगाने की पंरपरा चली आ रही है. बता दें कि दोनों भोह के बीच में जहां तिलक लगाया जाता है उसे आज्ञा चक्र कहते हैं. जिसे मनुष्य की चेतना केंद्र भी मानते हैं. यदि व्यक्ति यहां पर सही तरीके से तिलक लगाता है तो कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति को मजबूत होने में मदद मिलती है.
इतना ही नहीं तिलक लगाने से व्यक्ति के ग्रह दोष भी दूर होते हैं. वहीं अगर व्यक्ति तिलक लगाने समय कुछ नियम और विधि को नहीं अपनाते हैं तो इसके अशुभ परिणामों को भी झेलना पड़ता है. आइए विस्तार में पीले चंदन के तिलक लगाने की सही विधि और मंत्र के बारे में जानें.
पीले चंदन से तिलक लगाने की सही विधि
अगर पीले चंदन का तिलक करना है तो इसे डिब्बे में से निकाल कर सीधे नहीं लगाना चाहिए. पहले हथेली में थोड़ा सा चंदन ले और फिर इसे हथेली से रगड़ लें. जिसके बाद माथे पर तिलक करें. ऐसा करने से हस्तरेखा की स्थिति में सुधार आता है. साथ ही कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं.
तिलक का कौन से उंगली से मिलेगा कैसा परिणाम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि अनामिका उंगली से माथे पर लाल चंदन का तिलक करते हैं तो कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. वहीं कनिष्ठा उंगली से माथे पर तिलक करने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.
तिलक करने समय इस मंत्र का करें उच्चारण
यदि घर में धार्मिक कार्य में किसी व्यक्ति को तिलक करें तो केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम . पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु .. कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् . ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् मंत्र का उच्चारण अवश्य करें. ऐसा करने से किसी भी धार्मिक कार्य के शुभ फल की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)