Snake Skin: नोटों से भरी खुली तिजोरी के समान है सांप की केंचुरी, मिल जाए तो समझें जल्द कुबेर देव घर में करेंगे वास
Saanp Ki Kechuli: सावन के महीने में अक्सर लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं. ताकि जीवन में आ रही समस्याओं से निपटा जा सके. लेकिन क्या आप जानते हैं सांप की केंचुली भी रुद्राक्ष से कहीं ज्यादा ताकतवर है. जानें इसके उपाय के बारे में.
Snake Skin Remedies: सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है. इस माह में भगवान शिव के साथ नाग देवता की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस माह में नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. बता दें कि भगवान शिव ने भी गले में सांप को धारण किया हुआ है. सांप समय-समय पर अपनी केंचुली बदलते हैं. केंचुली सांप की स्किन को कहा जाता है. बरसाते के मौसम में अक्सर सांप अपनी स्किन बदलते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सांप की केंचुली धनवान बना सकती है. ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि अगर आपको कहीं पर सांप की केंचुली दिख जाए, तो वह मालामाल हो सकता है. जानें सांप की केंचुली अगर मिल जाए, तो क्या करें जानें.
कहीं मिल जाए केंचुली तो क्या करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केंचुली मिलना शुभ होता है अगर कभी आपके सांप की केंचुली मिल जाए तो इसे घर लें आएं. इसे आप अपने घर में रख सकते हैं. मान्यता है कि इससे व्यक्ति को कभी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता. कुछ लोग इसे फ्रेम कराकर भी घर में रखते हैं. घर में रखते इस बाद का ध्यान रखे कि सांप की केंचुली खंडित नहीं होनी चाहिए वरना इसका लाभ नहीं मिलता है.
काफी ताकतवर होती है सांप की केंचुली
कहते हैं कि सांप की केंचुली बहुत ताकतवर मानी जाती है. इसमें एकाशी नारियल, एकमुखी रुद्राक्ष, दक्षिणावर्ती शंख आदि जितनी शक्ति होती है. इसे घर में रखनेसे मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है औऱ व्यक्ति के पास धन-दौलत की कमी नहीं होती. सांप की केंचुली से प्रेत-बाधाओं से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही बुरी नजर भी दूर हो जाती है.
नकारात्मक शक्तियां होंगी दूर
नकारात्मक शक्तियां दूर करने के लिए भी सांप की केंचुली का इस्तेमाल होता है. घर में अगर बुरा साया हो तो सांप की केंचुली को पीसकर इसे हींग और नीम की पत्तियों में मिलाएं और लोभान के साथ जला दें. इससे पूरे घर में धुंआ करें. इससे नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाएंगी. इसके अलावा सांप की केंचुली का इस्तेमाल पहले के समय औषधि के रूप में भी किया जाता था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)