Budhwa Mangal 2024: आने वाले हैं बड़ा मंगलवार, जानें बुढ़वा मंगल की रोचक कथा
Bada Mangal 2024: बड़ा मंगलवार को हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है. इन्हें बुढ़वा मंगल कहते हैं. बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के पीछे एक रोचक कथा है.
Budhwa Mangal 2024: हिंदू धर्म के अनुसार मंगलवार का दिन हनुमानजी को समर्पित है. मंगलवार को संकटमोचन हनुमान जी की पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा पाठ करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं. इन मंगलवार में 4 से 5 मंगलवार ऐसे होते हैं, जो बेहद खास होते हैं. ये खास मंगलवार हैं बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल. ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहते हैं. इन मंगलवार को हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से साधक को हर कष्ट और बाधा से मुक्ति मिल जाती है. ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल क्यों कहते हैं, इसके पीछे एक कथा है.
ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले ये मंगलवार काफी खास हैं. इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी सुनने को मिलती है. कहते हैं कि वन में विचरण करते हुए श्री राम जी से हनुमान जी का मिलन विप्र (पुरोहित) के रूप में इसी दिन हुआ था. एक अन्य कथा के अनुसार महाभारत काल में जब भीम को अपने बल का घमंड हो गया था, तो हनुमान जी ने बूढ़े वानर का रूप रखकर भीम के घमंड को तोड़ा था. इसलिए ज्येष्ठ मास के मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं बड़ा मंगल कब से आरंभ हो रहे हैं और इन्हें बुढ़वा मंगल क्यों कहते हैं.
बड़ा मंगल 2024 में कब-कब हैं?
इस साल 2024 में चार बड़ा मंगल आएंगे. बड़ा मंगल में हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की पूजा की जाती है. विशेष तौर पर उत्तरप्रदेश के लखनऊ में बड़ा मंगल बहुत जोर-शोर से मनाया जाता है.
पहला बड़ा मंगल - 28 मई 2024
दूसरा बड़ा मंगल - 4 जून 2024
तीसरा बड़ा मंगल - 11 जून 2024
चौथा बड़ा मंगल - 18 जून 2024
बड़ा मंगल का महत्व
बड़े मंगल या बुढ़वा मंगल को व्रत रखने और हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से प्रेत बाधा, दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है. बड़ा मंगल के दिन मंदिरों में भंडारे भी किए जाते हैं. मान्यता है कि बड़ा मंगल का व्रत करने से जीवन से नकारात्मकता खत्म होती है और सुख-समृद्धि बढ़ती है.
बुढ़वा मंगल क्यों कहते हैं?
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में भीम को जब अपने बल और शक्ति का घमंड हो गया था. तब भीम के इस घमंड को तोड़ने के लिए हनुमान जी ने बूढ़े वानर का जन्म लिया था. एक बार भीम कहीं जा रहे थे तक वृद्ध रूप में हनुमान जी अपनी पूंछ को रास्ते पर फैलाकर लेट गए थे. भीम ने पूछ हटाने के लिए कहा तो हनुमान जी ने कहा कि आप ही पूछ हटाकर रास्ता बना लें. तब खूब प्रयास करने के बाद भी भीम पूछ को हिला भी नहीं पाए थे. इसके बाद भीम समझ गए कि वे सामान्य वानर नहीं हैं. तब भीम ने उनसे असली रूप में आने का आग्रह किया और हनुमान जी को देखकर चौंक गए. साथ ही अपने घमंड के लिए माफी मांगी थी. जिस दिन हनुमान ने भीम का घमंड तोड़ा था उस दिन मंगलवार का दिन था. इसलिए इस दिन को बुढ़वा मंगल कहा जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)