Basant Panchami 2023 Kamdev Rati Puja: साल 2023 में 26 जनवरी को बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्योहार मनाया जाएगा. मान्यता है कि बसंत पंचमी को कामदेव-रति (Kamdev Rati Puja) की पूरी विधि- विधान से पूजा करने से अच्छे वर की कामना जल्द पूरी होती है साथ ही विवाह में हो रही देरी का समाधान होता है.  आइए जानते है बसंत पंचमी के दिन किस तरह से कामदेव-रति की पूजा करें. 


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कामदेव-रति की पूजा का महत्व ( Significance of Kamdev and Rati Puja)


धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि कामदेव जिन्हें प्रेम के स्वामी भी कहा जाता है.  उनके और उनकी पत्नि रति के भाव-विभोर, प्रेम, नृत्य से समस्त मनुष्यों और पशु-पक्षियों में में प्रेम भाव की उत्पत्ति होती है. साथ ही कामदेव की कृपा से ही प्रेम संबंधों (Love Life) और वैवाहिक संबंधों ( Married Life) में मधुरता बनी रहती है. और देवि रति को मिलाप की देवी माना गया है. जिससे साथ में पूजा करने से प्रेम संबंध स्थिर रहते है और रिश्तों में मिठास बनी रहती है. 


पूजन विधि (Puja Vidhi)


बसंत पंचमी के दिन सर्वप्रथम मां सरस्वती की पूजा करें. पूजन के बाद कामदेव और रति की एक-साथ वाली तस्वीर पूजा-स्थल में सफेद कपड़े में बिछाकर स्थापित करें. इसके बाद शुद्ध ताजे फूल, पीला या लाल चंदन, गुलाबी रंग के वस्त्र, इत्र, सौंदर्य सामग्री, सुगंधित धूप या दीपक, पान, सुपारी आदि देवी रति और कामदेव को अर्पित करें.  इसके बाद अपने जीवन में खुशहाली और प्रेम की कामना करें. वैवाहिक जीवनमें मधुरता या फिर मनचाहा वर पाने के लिए 108 बार इस मंत्र का जाप करें. 


ओम कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।


इस मंत्र के जाप करने से व्यक्ति के चरित्र में सुधार होता है इसके साथ ही उसके वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है. यदि पति-पत्नि के वैवाहिक जीवन में कटुता बनी रहती है तो मान्यता है कि साथ में पूजा करने से सारी समस्याएं दूर हो जाती है. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)