भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी अनोखी शॉकवेव आधारित सुई रहित सिरिंज विकसित की है, जो दर्द रहित और सुरक्षित इंजेक्शन लगाती है.
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सुई से डरने वालों के लिए राहत की खबर है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी अनोखी शॉकवेव आधारित सुई रहित सिरिंज विकसित की है, जो दर्द रहित और सुरक्षित इंजेक्शन लगाती है. यह इनोवेशन उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है, जो सुई की वजह से वैक्सीनेशन और मेडिकल ट्रीटमेंट से बचते हैं. साथ ही, यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है, जिन्हें बार-बार इंसुलिन इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है.
आईआईटी बॉम्बे के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने बताया कि शॉक सिरिंज सुई वाली सिरिंज के विपरीत, त्वचा को छेदने के लिए हाई-एनर्जी प्रेशर शॉक वेव्स का उपयोग करती है. यह वेव्स ध्वनि की गति से भी तेज गति से त्वचा को भेदती हैं और दवा को शरीर में पहुंचाती हैं.
एक्सपर्ट का क्या कहना?
शोधार्थी प्रियंका हंकारे ने कहा कि शॉक सिरिंज का डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि यह दवा को तेज और सटीक रूप से पहुंचाए. यह सामान्य सिरिंज की तुलना में त्वचा और ऊतकों को कम नुकसान पहुंचाती है. इसके नोजल को केवल 125 माइक्रोन (एक मानव बाल की चौड़ाई) तक रखा गया है, जिससे दर्द का अहसास बेहद कम होता है.
शॉक सिरिंज के फायदे
शॉक सिरिंज ने सुई वाली सिरिंज के बराबर या उससे बेहतर परिणाम दिए हैं. चूहों पर किए गए टेस्ट से पता चला कि:
पेनलेस इंजेक्शन: शॉक सिरिंज ने दवा को त्वचा की गहराई तक पहुंचाया और त्वचा को कम नुकसान पहुंचाया.
सटीक दवा डिलीवरी: इंसुलिन के इंजेक्शन में यह अधिक प्रभावी साबित हुई.
त्वचा में तेजी से रिकवरी: सुई के मुकाबले कम सूजन और तेजी से घाव भरने की क्षमता देखी गई.
बेहतर प्रदर्शन: चिपचिपी दवाओं (जैसे एंटीफंगल) के इंजेक्शन में यह सुई से ज्यादा प्रभावी रही.
भविष्य की संभावनाएं
शॉक सिरिंज का विकास केवल दर्द रहित इंजेक्शन तक सीमित नहीं है. यह 1000 से अधिक इंजेक्शन शॉट्स देने में सक्षम है और इसकी लागत भी कम है. यह तकनीक उन क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है, जहां बार-बार इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है.