माला से भी पूरी होती है मनोकामना और दूर होते हैं ग्रहों के दोष, जानिए कैसे
सनातन परंपरा में विभिन्न चीजों से 108 मनकों की माला (Mala) से जप करने या धारण करने से सिद्धि और शुभ फलों की प्राप्ति बताई गई है. जानिए, किस देवी-देवता या ग्रह के लिए कौन सी माला अत्यंत शुभ फल देने वाली होती है और किस माला को धारण करने से आपके जीवन में मंगल ही मंगल होता है.
नई दिल्ली: प्राचीन काल से रत्नों (Gemstones) और उनसे बनी मालाएं (Garlands) पहनने का प्रचलन रहा है. ये मालाएं न सिफ सुंदरता बल्कि शुभता (Luck) बढ़ाने वाली भी होती हैं. सनातन परंपरा में विभिन्न चीजों से 108 मनकों की माला (Mala) से जप करने या धारण करने से सिद्धि और शुभ फलों की प्राप्ति बताई गई है. जिस तरह रुद्राक्ष (Rudraksh) की माला के जरिए भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है, ठीक उसी प्रकार अन्य प्रकार की मालाओं से ग्रह संबंधी दोष दूर करने से लेकर मनोकामनाओं की पूर्ति की जाती है.
माला और उनके लाभ
हर माला का अपना महत्व होता है. तो आइए जानते हैं कि आखिर किस देवी-देवता या ग्रह के लिए कौन सी माला अत्यंत शुभ फल देने वाली होती है और किस माला को धारण करने से आपके जीवन में मंगल ही मंगल होता है.
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वैजयंती माला - यह माला वैजयंती के बीजों से बनाई जाती है. इसे भगवान कृष्ण की प्रिय माला माना जाता है. वैष्णव परंपरा के साधक अक्सर इस माला को धारण करते हुए दिखाई दे जाएंगे. इस माला का प्रयोग सात्विक कार्यों और जप आदि के लिए किया जाता है.
तुलसी की माला - भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी का जप करके उन्हें शीघ्र प्रसन्न करने के लिए यह माला अत्यंत शुभ मानी गई है. इस माला को धारण करने से मन और तन, दोनों ही पवित्र रहते हैं.
हल्दी की माला - खड़ी हल्दी (Turmeric) से बनी यह माला देवगुरु बृहस्पति या बगलामुखी साधना के लिए सर्वोत्तम मानी गई है. यह माला सुख-समृद्धि की कामना के लिए किए जाने वाले जप में शीघ्र ही शुभ फल दिलाती है.
सफेद चंदन की माला - यह माला भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए प्रयोग की जाती है. इस माला को धारण करने से मन शांत रहता है. राहु (Raahu) की महादशा में भी यह माला अत्यंत शुभ फल प्रदान करती है.
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लाल चंदन की माला - लाल चंदन (Red Sandalwood) से बनी इस माला का इस्तेमाल मुख्य रूप से देवी की साधना के लिए किया जाता है. इसको धारण करने से साधक के भीतर बल एवं साहस की वृद्धि होती है.
मूंगा की माला - मंगल की शुभता पाने के लिए मूंगा रत्न धारण किया जाता है. यह रत्न सुख-समृद्धि का प्रतीक होता है. इस माला का प्रयोग भगवान गणेश-लक्ष्मी की साधना के लिए भी किया जाता है.
स्फटिक की माला - स्फटिक माला के मोती पारदर्शी, चमकदार और गोल आकार के होते हैं. इस माला का संबंध शुक्र ग्रह से होता है. शुक्र ग्रह से संबंधित दोष दूर करने और धन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए यह माला अत्यंत शुभ मानी जाती है.
मोती की माला - मोती (Pearl) का संबंध चंद्र ग्रह से होता है और चंद्रमा मन का प्रतीक है. किसी भी कार्य की सफलता के लिए मन का संतुलित होना बहुत जरूरी है क्योंकि जब तक आपका मस्तिष्क शांत नहीं होगा, तब तक आप अपने किसी भी काम पर फोकस नहीं कर पाएंगे. इस माला को धारण करने से चंद्र संबंधी सभी दोष दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को सभी सुखों की प्राप्ति होती है.
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