Bhishma Pledge: विचित्र वीर्य के युवा होने पर उनके विवाह की विचार किया गया. तभी भीष्म को सूचना मिली कि काशी नरेश अपनी तीन कन्याओं के विवाह के लिए स्वयंवर कर रहे हैं. बस फिर क्या था, माता सत्यवती की आज्ञा लेकर वह अकेले ही काशी की ओर चल पड़े. वहां पर उपस्थित राजाओं का एक-एक कर परिचय दिया जा रहा था. ऐसे में शांतनु नंदन भीष्म को बूढ़ा देख सुंदर कन्याएं घबरा के आगे बढ़ गईं. 


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स्वयंवर स्थल पर राजाओं ने उड़ाया भीष्म का मजाक


स्वयंवर स्थल पर यह दृश्य देख उपस्थित राजाओं ने भीष्म का मजाक उड़ाया और हंसते हुए कहा कि भीष्म ने तो आजीवन ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा ले ली थी,फिर बाल सफेद होने और झुर्रियां पड़ने पर यह बूढ़ा लज्जा छोड़कर यहां क्यों आया है.


भीष्म ने सभी राजाओं को दी युद्ध की चुनौती


इतना सुनते ही भीष्म क्रोधित हो गए और अपने भाई के लिए तीनों कन्याओं का बलपूर्वक हरण कर अपने रथ पर बिठा लिया. न्होंने काशी नरेश समेत सभी राजाओं को चुनौती देते हुए कहा कि वह मैं तुम लोगों के सामने कन्याओं का हरण कर रहा हूं. तुम लोग पूरी ताकत लगाकर युद्ध में मुझे जीत लो या फिर हारकर भाग जाओ. इतना बोल कर भीष्म वहां से तीनों कन्याओं को लेकर चल पड़े.


राजाओं ने स्वीकार की चुनौती 


भीष्म की इसी बात से चिढ़कर सभी राजा ताल ठोंकते हुए भीष्म पर टूट पड़े. बड़ा ही रोमांचकारी युद्ध हुआ. सब राजाओं ने मिलकर एक साथ दस हजार बाण चलाए तो भीष्म ने अकेले ही सबको काट डाला. उन्होंने बाणों की बौछार कर भीष्म को रोकना चाहा, किंतु भीष्म के आगे किसी की भी एक न चली.


भीष्म ने तीनों कन्याएं विचित्र वीर्य को सौंपी


भीष्म ने हस्तिनापुर आकर तीनों कन्याएं विचित्रवीर्य को समर्पित कर विवाह का आयोजन किया तो काशी नरेश की बड़ी कन्या अम्बा ने कहा कि हे भीष्म मैं पहले ही मन ही मन राजा शल्व को अपना पति मान चुकी हूं और मेरे पिता की भी इसमें सहमति है. मैं स्वयंवर में उन्हें ही चुनती. आप तो धर्मज्ञ हैं अब आप ही बताइए मैं क्या करूं. इस पर भीष्म ने विद्वानों की सलाह पर अम्बा को जाने की अनुमति दी और अम्बिका तथा अम्बालिका से विचित्र वीर्य के साथ विवाह करा दिया.
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