Camphor Remedies: सनातन संस्कृति में हर हिंदू घर में अलग अलग रीति-रिवाजों के साथ पूजा की जाती है. पूजन की पूर्णता के बाद भगवान की आरती उतारी जाती है. जल की परिक्रमा करने के बाद आरती के ऊपर से हाथ फेर कर उसे आंखों पर भी लगाया जाता है. 


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कपूर का महत्व
हमारी पूजा पद्धति में कपूर का बहुत ही अधिक महत्व है. इसीलिए पुरातन काल से आरती में कपूर जलाने की परंपरा है. आरती में कपूर जलाने से घर का पूरा वातावरण ही उसकी सुगंध से पवित्र हो जाता है. कपूर की आरती करने से घर में किसी भी तरह के दोषों को दूर करने की शक्ति होती है क्योंकि इसे जलाने से एक अदृश्य ऊर्जा पैदा होती है जो इस तरह के दोषों को समाप्त कर सकती है. इतना ही नहीं आरती के ऊपर से हाथ फेर कर जब हम अपनी आंखों पर लगाते हैं तो इससे दृष्टि इंद्रिय जागृत हो जाती है. 


 


शंख, घंटा की ध्वनि का महत्व
माना जाता है कि संध्या के समय ही दैत्य राक्षस आदि सक्रिय होकर हमला करते हैं इसलिए परिवारों में संध्या के समय भी आरती करने और उसके साथ ही शंख, घंटा आदि बजाकर ध्वनि गुंजित करने के लिए धर्म शास्त्री आग्रह करते हैं. जिन घरों में सुबह शाम दोनों समय आरती की जाती है वहां का वातावरण तो शुद्ध रहता ही है विभिन्न प्रकार के जीवाणु भी घर में नहीं रहते हैं जो कई तरह के रोग पैदा कर सकते हैं. 


 


कपूर का उपाय
जिन घरों में लोग तुनक मिजाजी यानी छोटी छोटी बात पर भी खिन्न हो जाते हैं वहां पर कपूर की सुगंध उनके दिमाग को शांत करती है और बात बात पर उत्तेजना की प्रवृत्ति शांत होती है. घर में कपूर को केवल आरती के समय ही नहीं प्रयोग में लाना चाहिए बल्कि कभी कभी कपूर के छोटे से टुकड़े को हाथ से मसल कर घर के कोनों में छिड़क देना चाहिए. कपूर के साथ ही गुग्गल की धूप भी की जा सकती है. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)