Chhath Puja 2024: भगवान सूर्य को आदि देव के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सूर्य देव की पूजा करता है उसके भाग्य सूर्य की किरणों की तरह चमकता है साथ ही उसके जीवन में कभी भी अंधकार नहीं फैलता. लेकिन क्या आपको पता है कि सूर्य देव को खुश करने के लिए एक लोटा जल भी काफी है. तो चलिए आपको हम आज बताते हैं भगवान भास्कर के पूजा की विधि.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सुबह-सुबह करें सूर्य की आराधना


यूं तो सूर्य देव की पूजा हर दिन की जा सकती है लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं है तो आप केवल रविवार के दिन भी उन्हें जल चढ़ा सकते हैं. जल चढ़ान के लिए कोई भी व्यक्ति (कुंवारी लड़कियों को छोड़कर) सुबह उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद सूर्य देव को एक लोटा जल अर्पित करें. सूर्य देव को जल अर्पित करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि कपड़े धुले हुए और स्वच्छ हों.


इस मंत्र का करें जाप


'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं. जल चढ़ाने के दौरान सीधे आंखों से भगवान सूर्य को न देखें बल्कि लोटे से गिरते हुए जल में उन्हें निहारें. इस दौरान ये ध्यान रहे कि जो जल सूर्य को चढ़ाया जा रहा है उसपर पैर न पड़े. जल चढ़ाने के बाद अगर संभव है तो भगवान भास्कर को फूल, धूप, दीप आदि पूजा सामग्री चढ़ाएं. इसके बाद सूर्य देव की आरती उतारें और अंत में हाथ जोड़कर अपनी गलतियों के लिए भगवान भास्कर से माफी मांगते हुए मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें.


भगवान भास्कर होते हैं प्रसन्न


ऐसी मान्यता है कि शुद्धता के साथ मात्र एक लोटा जल चढ़ाने से ही भगवान सूर्य प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर भरपूर कृपा बरसाते हैं. जिससे कि भक्त का जीवन चमक-दमक से भर जाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)