Chhath Puja 2024: नहाय खाय के साथ सूर्य उपासना का महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है. जिन घरों में व्रत हो रहे हैं वहां आज कद्दू भात यानि कि नमकीन प्रसाद बनाया गया. व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद घर के अन्य सदस्यों ने प्रसाद ग्रहण किया. अब चूंकि नहाय-खाय के दिन का शाम ढ़ल चुका है. ऐसे में सभी घरों में कल होने वाले खरना की तैयारी शुरू हो रही होगी.


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कल शाम व्रती सूर्य उपासना के बाद खीर का प्रसाद ग्रहण करेंगे. जिसके बाद घर के अन्य सदस्यों को यह प्रसाद दिया जाएगा. यूं तो सूर्य भगवान एक लोटा जल और एक दीपक से भी प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन अगर पूजा के साथ आरती करते हैं तो सोने पर सुहागा वाली स्थिति होती है. ऐसे में भक्तों की सुविधा के लिए सूर्य की आरती यहां दे रहे हैं.  


यहां पढ़ें पूरी आरती


जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥


रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता।
षटपद मन मुदकारी, हे दिनमणि दाता॥


जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥


नभमंडल के वासी, ज्योति प्रकाशक देवा।
निज जन हित सुखरासी, तेरी हम सबें सेवा॥


करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥


कनक बदन मन मोहित, रुचिर प्रभा प्यारी।
निज मंडल से मंडित, अजर अमर छविधारी॥


हे सुरवर रविदेव, जय जय जय रविदेव।
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव॥


ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव पूजा के बाद अपनी आरती गाने वाले भक्तों से काफी प्रसन्न होते हैं और उन्हें मनवांछित फल देते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)