Chitragupta Puja 2024: भाई दूज के दिन चित्रगुप्त महाराज की पूजा की जाती है. पौराणिक धर्म ग्रंथो के मुताबिक कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त यमराज के सहायक हैं. ऐसे में जो भी व्यक्ति भगवान चित्रगुप्त की पूजा करता है उसके घर में सुख-समृद्धि की बरसात होती है. ऐसा माना जाता है कि चित्रगुप्त की पूजा करने से तरक्की का आशीर्वाद मिलता है.


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कायस्थ समाज के संस्थाप हैं चित्रगुप्त


पौराणिक कथाओं के मुताबिक महाराज चित्रगुप्त पृथ्वी पर कायस्थ समाज के संस्थापक हैं.  इस दिन कलम-कागज, बही-खाता की पूजा की जाती है. पूजा के बाद कायस्थ समाज के लोग इस दिन कुछ भी नहीं लिखते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति चित्रगुप्त महाराज की पूजा करता है उसे बुद्धि, विद्या और लेखन में कुशलता हासिल होती है. इस दिन पूजा के बाद चित्रगुप्त महाराज की आरती भी गाई जाती है. यहां पढ़ें पूरी आरती


चित्रगुप्त महाराज की आरती


जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम शरणागतम।
जय पूज्य पद पद्मेश तव, शरणागतम शरणागतम।।


जय देव देव दयानिधे, जय दीनबन्धु कृपानिधे।
कर्मेश तव धर्मेश तव, शरणागतम शरणागतम।।


जय चित्र अवतारी प्रभो, जय लेखनी धारी विभो।
जय श्याम तन चित्रेश तव, शरणागतम शरणागतम।।


पुरुषादि भगवत अंश जय, कायस्थ कुल अवतंश जय।
जय शक्ति बुद्धि विशेष तव, शरणागतम शरणागतम।।


जय विज्ञ मंत्री धर्म के, ज्ञाता शुभाशुभ कर्म के।
जय शांतिमय न्यायेश तव, शरणागतम शरणागतम।।


तव नाथ नाम प्रताप से, छुट जायें भय त्रय ताप से।
हों दूर सर्व क्लेश तव, शरणागतम शरणागतम।।


हों दीन अनुरागी हरि, चाहे दया दृष्टि तेरी।
कीजै कृपा करुणेश तव, शरणागतम शरणागतम।।


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)