Happy Choti Diwali 2024: आज नरक चतुर्दशी है. नरक चतुर्दशी के मुहूर्त को कोई छोटी दिवाली के रूप में मनाता है तो कोई रूप चौदस के रूप में. वहीं कुछ लोग इसे भूत चतुर्दशी और नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं. इस त्योहार को दीपावली के एक दिन पहले मनाते हैं. इस दिन यमराज के नाम से दीपक जलाने की प्रथा है. इस दिन कुछ लोग लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति भी खरीदते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. तो आज के इस खबर में हम आपको बताएंगे कि मूर्ति खरीदते समय इन पांच बातों का ध्यान रखते हैं तो आपके घर में बरकत बनी रहेगी.


मूर्ति किसी भी तरह से क्षतिग्रस्त न हो


जब भी हम मूर्ति खरीदने जाएं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि मूर्ति किसी भी तरह से क्षतिग्रस्त न हो. अगर मूर्ति किसी भी प्रकार से क्षतिग्रस्त हो तो उस मूर्ति को बिल्कुल भी न खरीदें ऐसा करना अशुभ माना जाता है. 


पीओपी की मूर्ति से बचें


मूर्ति खरीदते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम मिट्टी की मूर्ति खरीदें. अगर आप प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति खरीदते हैं तो इससे पर्यावर्ण को भी नुकसान होता है वहीं अगर मिट्टी की मूर्ति खरीदते हैं तो जब इसका विसर्जन करते हैं तो यहा आसानी से मिट्टी में मिल जाता है जबकि पीओपी की मूर्ति के साथ ऐसा नहीं है.


बैठी हुई मूर्ति खरीदें


हमें मूर्ति खरीदते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लक्ष्मी गणेश की मूर्ति बैठी हुई हो. अगर हमें खड़ी मूर्ति नजर आए तो उसे नहीं खरीदना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि बैठी हुई मूर्ति खरीदने से घर में सदा मां लक्ष्मी का वास होता है. वहीं खड़ी मूर्ति को प्रथा के मुताबिक अशुभ माना जाता है.


पुरानी मूर्ति न खरीदें


जब भी हम बाजार जाएं और मूर्ति खरीदें तो इस बात की जांच-पड़ताल अच्छे से कर लें कि जो मूर्ति आप खरीद रहे हैं वह नया हो. कहीं ऐसा न हो कि सस्ते के चक्कर में या धोखे में आप पुरानी मूर्ति घर ले आएं. मान्यताओं के मुताबिक पुरानी मूर्ति घर के लिए अशुभ माना जाता है. वहीं नई मूर्ति शुभ.


जुड़ा हुआ मूर्ति न खरीदें


अक्सर ऐसा देखा जाता है कि मार्केट में लोग सस्ते और सुंदर लगने के कारण जुड़ी हुई मूर्ति खरीद लेते हैं. मान्यताओं के मुताबिक जुड़े हुए मूर्ति की खरीदारी न करें. अगर आप ऐसा करते हैं तो यह अशुभ माना जाता है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं माना जाना चाहिए कि अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको कोई नुकसान होगा. नुकसान बिल्कुल भी नहीं होगा लेकिन परंपराओं के मुताबिक यह ठीक नहीं माना जाता है.