Dhanvantari Ji Ki Aarti: देशभर में धनतेरस और दिवाली की धूम मची हुई है. हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है. इस बार 22 अक्टूबर यानी आज से धनतेरस का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा. धनतेरस का हिंदू मान्यताओं के अनुसार काफी ज्यादा महत्व है. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. इसके अलावा बाजार से खरीदारी की जाती है. माना जाता है कि धनतेरस के दिन भगवना धन्वंतरि की आरती करने से काम में 13 गुना वृद्धि होती है. आज हम आपको भगवान धन्वंतरि की आरती बताने जा रहे हैं.  पूजा के बाद आरती करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. 


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ॐ जय धन्वंतरि देवा, स्वामी जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
स्वामी जय धन्वंतरि देवा, ॐ जय धन्वंतरि जी देवा ॥


तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
स्वामी जय धन्वंतरि देवा, ॐ जय धन्वंतरि जी देवा॥


आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
स्वामी जय धन्वंतरि देवा, ॐ जय धन्वंतरि जी देवा॥


भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
स्वामी जय धन्वंतरि देवा, ॐ जय धन्वंतरि जी देवा॥


तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
स्वामी जय धन्वंतरि देवा, ॐ जय धन्वंतरि जी देवा॥


हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
स्वामी जय धन्वंतरि देवा, ॐ जय धन्वंतरि जी देवा॥


धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
स्वामी जय धन्वंतरि देवा, ॐजय धन्वंतरि जी देवा॥