Diwali 2020: अपने पेशे के हिसाब से करें लक्ष्मी पूजन, जानें शुभ मुहूर्त का समय
दिवाली का त्योहार 14 नवंबर यानी आज मनाया जा रहा है. आज हम आपके पेशे के हिसाब से दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त का समय बताएंगे. जिसमें महालक्ष्मी पूजन करने से आपको विशेष लाभ की प्राप्ति होगी.
नई दिल्ली. दिवाली का त्योहार 14 नवंबर यानी आज मनाया जा रहा है. यह हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है. हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है. आज कार्तिक अमावस्या दोपहर 02 बजकर 25 मिनट से प्रारंभ होकर रविवार 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 07 मिनट तक रहेगी. दिवाली पूजन में विहित स्वाति नक्षत्र भी सूर्योदय से रात्रि 08 बजकर 09 मिनट तक रहेगा. आज हम आपके पेशे के हिसाब से दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त का समय बताएंगे. जिसमें महालक्ष्मी पूजन करने से आपको विशेष लाभ की प्राप्ति होगी.
वृश्चिक लग्न
आज सुबह 06 बजकर 58 मिनट से 10 बजकर 15 मिनट तक वृश्चिक उपरांत धनु लग्न रहेगा. वृश्चिक लग्न में केतु एवं धनु में अपने घर का बृहस्पति विराजमान है. इस लग्न में ऑटोमोबाइल, वर्कशॉप, ताबा, पीतल, कांसा एवं स्टील का कारोबार करने वाले व्यक्ति महालक्ष्मी पूजन करें तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है.
धनु लग्न
कुछ व्यापारी दिवाली पूजन के लिए धनु लग्न को सबसे उत्तम मानते हैं. चूंकि अपने स्वामी के द्वारा दृष्ट एवं युत लग्न सबसे मजबूत माना जाता है. उस वजह से कल कारखानों, ट्रांसपोर्टरों, डाक्टरों और होटल कारोबार करने वालों के लिए लक्ष्मी पूजन का विशेष मुहूर्त है.
अभिजित मुहूर्त
दिवाली पर सुबह 11 बजकर 21 मिनट से दोपहर 01 बजकर 02 मिनट तक मकर लग्न रहेगा, इस लग्न में वकीलों, अकाउंटेंट्स और प्रॉपर्टी डीलरों अगर मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं तो उनको अकूत धन की प्राप्ति होती है.
कुंभ और मीन लग्न
आज दोपहर 01 बजकर 03 मिनट से 02 बजकर 30 मिनट तक कुंभ और 03 बजकर 54 मिनट तक मीन लग्न रहेगा. जो मंगल-शुक्र द्वारा दृष्ट होने के कारण अनेक दोषों को दूर करता है. इस लग्न में दिवाली महालक्ष्मी महापूजन करने और कराने वाले दोनों लोग माला माल होंगे. मीन लग्न में फाइनेंसरों और बैंकों में काम करने वाले लोगों का पूजा करना शुभ माना जाता है.
प्रदोष काल
दिवाली महालक्ष्मी महापूजन में प्रदोष काल का सबसे ज्यादा महत्व है. यह शाम 5 बजकर 28 मिनट से 07 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. प्रदोष काल में वृष लग्न स्थिर लग्न है. प्रदोष काल के स्वामी अवढ़र दानी आशुतोष भगवान सदा शिव स्वयं हैं. इस प्रदोष काल में विशाखा नक्षत्र से बना चार योग व्यापारियों के लिए दिवाली, महालक्ष्मी, कुबेर, तराजू-बाट, इत्यादि पूजन के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा.
चैघड़ियां मुहूर्त
कर्क लग्न का चैघड़िया मुहुर्त रात्रि 10 बजकर 30 मिनट से 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. उत्तर रात्रि लग्न सिंह 12 बजकर 05 मिनट से 02 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. इस लग्न में महालक्ष्मी पूजन करने पर व्यापार में दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की मिलती है.
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