Sharad Purnima Lakshmi Puja: इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्‍टूबर को मनाई जाएगी. इसी रात चंद्र ग्रहण भी लगेगा. शरद पूर्णिमा पर चंद्र देव और मां लक्ष्‍मी की पूजा की जाती है. शरद पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से मां लक्ष्‍मी की पूजा करने से वे प्रसन्‍न होती हैं. साथ ही शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से मन-मस्तिष्क को शांति और शीतलता मिलती है. मान्‍यता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि चंद्रमा की किरणें अमृत बरसाती हैं इसलिए रात में चंद्रमा की रोशनी में खीर रखी जाती है और फिर पूजा के बाद उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है. हालांकि इस साल 28 अक्‍टूबर को शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण होने से यह कार्य संभव नहीं हो पाएगा. लेकिन शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्‍मी की पूजा सही तरीके से लक्ष्‍मी जी प्रसन्‍न होकर खूब धन-समृद्धि देंगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शरद पूर्णिमा के दिन प्रकट हुई थीं मां लक्ष्‍मी 


शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं. पौराणिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुईं थी. इसलिए यह दिन मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए विशेष शुभ माना गया है. शरद पूर्णिमा के दिन यदि आप भी मां लक्ष्‍मी की कृपा पाना चाहते हैं तो पूजा करते समय कुछ बातों का जरूर ध्‍यान रखें. इससे आपको लक्ष्‍मी जी की कृपा से कभी धन की कमी नहीं होगी. 


- हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में पान के पत्ते का उपयोग आमतौर पर किया जाता है. शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्‍मी की पूजा में पान के पत्ते का खास महत्व है. इस दिन मां लक्ष्मी को पान के पत्ते अर्पित करने से उनका विशेष आशीर्वाद मिलता है. साथ ही मां लक्ष्‍मी को तैयार किया हुआ पान भी अर्पित करें और फिर परिवार के लोग उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें. 


- शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद लक्ष्‍मी स्तोत्र का पाठ जरूर करें. माना जाता है कि इंद्र देव ने भी मां लक्ष्मी की स्तुति करने के लिए लक्ष्‍मी स्‍त्रोत का पाठ किया था. लक्ष्‍मी स्‍त्रोत का पाठ करने से अपार धन-वैभव की प्राप्ति होती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)