Sankashti Chaturthi 2021: जानें, सकट चौथ व्रत के क्या हैं नियम, भूल से भी न करें ये काम
संतान की लंबी उम्र की कामना के लिए रविवार 31 जनवरी को महिलाएं सकट चौथ का व्रत रखेंगी. व्रत के क्या नियम हैं और इस दिन भूल से भी क्या काम नहीं करना चाहिए इस बारे में हम आपको बता रहे हैं.
नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास (Magh Month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र (Long Life), अच्छी सेहत, खुशहाली और कामयाबी की कामना के साथ उपवास रखती हैं और भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा करती हैं. इस साल सकट चौथ का व्रत 31 जनवरी 2021 रविवार को रखा जाएगा. सकट चौथ (Sakat Chauth) को तिलकुटा चौथ या माघ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. संकष्टी चतुर्थी का दिन भले ही भगवान गणेश को समर्पित हो लेकिन इस दिन विघ्नहर्ता के साथ-साथ भगवान शिव, पार्वती और कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार सकट चौथ की पूजा के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए वरना जाने-अनजाने की गई गलतियों (Mistakes) की वजह से पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता.
सकट चौथ के दौरान न करें ये काम
1. गणपति को तुलसी न चढ़ाएं- जो तुलसी (Tulsi) भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को इतनी प्रिय है उसे भगवान गणेश को भूल से भी नहीं चढ़ाना चाहिए. इसलिए सकट चौथ व्रत के दिन पूजा करने के दौरान भगवान गणेश को तुलसी न चढ़ाएं वरना ईश्वर नाराज हो सकते हैं. तुलसी की जगह आप भगवान गणेश को दुर्वा चढ़ाएं. ऐसा करने से विघ्नहर्ता गणेश प्रसन्न होंगे और स्वास्थ्य लाभ के साथ ही धन संपत्ति में भी वृद्धि करेंगे.
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2. कंद मूल वाली चीजें न खाएं- वैसे तो सकट चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं बावजूद इसके अगर आप फलाहार करने की सोच रही हों तो इस दिन जमीन के अंदर उगने वाले कंद मूल का सेवन नहीं करना चाहिए. यही कारण है संकष्टी चतुर्थी के दिन व्यक्ति को मूली, चुकंदर, गाजर, जिमीकंद, शकरकंद आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.
3. चांद देखे बिना व्रत न खोलें- जिस तरह करवा चौथ के व्रत के दिन चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है ठीक उसी तरह सकट चौथ व्रत के दिन भी चंद्रमा को अर्घ्य (Moon Arghya) देना बेहद जरूरी होता है. चांद को अर्घ्य दिए बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता.
4. पानी की छींटें से बचें- सकट चौथ व्रत के दिन जब आप चांद के अर्घ्य दे रही हों उस दौरान महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि चांद को अर्पित किए जा रहे जल के छींटें आपके पैर या शरीर पर बिलकुल न पड़ें.
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संकष्टी चतुर्थी के नियम
- व्रत रखने वाली महिलाओं को सूर्योदय (Sunrise) से पहले स्नान कर भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए.
- सकट चौथ व्रत में तिल (Sesame) का भी बहुत महत्व है इसलिए जल में तिल मिलाकर भगवान गणेश को अर्घ्य दें और साथ ही तिल का दान भी करें और तिल का सेवन भी.