Ganesh Chaturthi 2022: स्नान कर रहीं माता पार्वती की सुरक्षा में लगे गणेश जी (Lord Ganesh) ने शिवगणों से ऐसा युद्ध किया कि उन्हें मैदान छोड़ कर भागना पड़ा.  शिवा पुत्र गणेश और शिव गणों के बीच युद्ध का समाचार जैसे ही देवर्षि नारद के माध्यम से ब्रह्मा जी, विष्णु आदि देवताओं को प्राप्त हुआ तो वे शिव जी के पास पहुंच कर उनकी स्तुति कर पूछने लगे, 'प्रभ, ये कैसी लीला हो रही है. यदि हमारे करने लायक कोई कार्य हो तो आप आदेश करें.'


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शिव जी ने ब्रह्मा और विष्णु जी को बताई आपबीती


शिव जी (Lord Shiva) ने कहा, 'क्या कहूं, मेरे घर के द्वार पर छड़ी लिए एक बालक मार्ग रोक कर खड़ा है. वह मुझे घर में घुसने ही नहीं देता है. उसके प्रहार से मेरे सभी पार्षद और गण वहां से भाग खड़े हुए. यहां तक कि कुछ के तो अंग भंग भी हो गए और उनके शरीर से खून बह रहा है. कुछ तो वहीं गिर कर ढेर हो गए. मुझे तो समझ में ही नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए. अब आप ही इन स्थितियों पर विचार कीजिए.' विष्णु जी को उधर जाते हुए देख कुछ शिवगण उनके पास पहुंचे और बोले, 'भगवन, भगवती उमा के अत्यंत ताकतवर पुत्र ने हमारी यह दुर्दशा की है. उसे वश में करना कोई आसान काम नहीं है.'


ब्रह्मा जी के साथ विष्णु जी भी ब्राह्मण वेश में पहुंचे 


इस पर विष्णु जी ने ब्राह्मण का वेश रखा और पार्वती नंदन के निकट पहुंचे तो उन्हें देखते ही गणेश जी (Lord Ganesh) ने अपनी छड़ी उठा ली. इस पर विष्णु जी (Lord Vishnu) बोले, 'मैं तो शांत ब्राह्मण हूं और मेरे पास कोई अस्त्र शस्त्र भी नहीं है. इसी से समझ लो कि मैं तुमसे युद्ध करने नहीं केवल बात करने ही आया हूं.' उनके पीछे पीछे चल रहे ब्रह्मा जी ने कहा कि हमारे साथ तो तुम्हें कृपा पूर्ण व्यवहार ही करना चाहिए. इस पर गणेश जी बोले कि बस यही कृपा है कि मैं आपको चुपचाप चला जाने दे रहा हूं. आप शांतिप्रिय लोग हैं. इसलिए यहां से तुरंत चले जाएं क्योंकि यह स्थान तो अब रणक्षेत्र बन चुका है. जहां पर कुछ समय पहले ही युद्ध हुआ और और लगता है अभी और युद्ध होगा.' इतना सुनकर ब्रह्मा और विष्णु जी वहां से चुपचाप हट गए.


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