Ganpati Visarjan 2024: भाद्रपद शुक्‍ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी कहते हैं और इस दिन भगवान गणेश को विदाई दी जाती है. 10 दिन तक गणपति बप्‍पा अपने भक्‍तों के बीच आते हैं. मान्‍यता है कि गणेश विसर्जन के बाद गणेश जी वापस कैलाश पर्वत लौट जाते हैं. साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा करने से अनंत शुभ फल की प्राप्ति होती है. आज 17 सितंबर 2024, मंगलवार को भक्‍तजन गणेश जी को अगले बरस जल्‍दी आने की प्रार्थना के साथ विदाई देंगे. 

 


 

गणेश विसर्जन मुहूर्त

 

आज गणपति विसर्जन के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं. पहला शुभ मुहूर्त सुबह सुबह 6 बजकर 04 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से शाम 04 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 04 बजकर 55 मिनट से शाम 06 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.

 


ऐसे करें गणपति विसर्जन 

 

गणेश विसर्जन से पहले भगवान गणेश जी की विधिवत पूजा करें. उन्‍हें सिंदूर, अक्षत लगाएं. इलायची, फूल, सुपारी, दूर्वा, पान के पत्ते, नारियल, शहद, गुलाल, जनेऊ, नवग्रह चावल आदि अर्पित करें. धूप-दीप करें. लड्डू, मोदक, केला, आदि का भोग लगाएं. आरती करें. 

 

विसर्जन के समय गणेश मूर्ति के साथ फल-फूल, वस्त्र एवं मोदक की पोटली रखें. इस पोटली में चावल, गेहूं, पंचमेवा और कुछ सिक्‍के भी रखें. 

 


 

विसर्जन में इन बातों का रखें ध्‍यान 

 

गणेश चतुर्थी के दिन ढोल-नगाड़ों के साथ गणपति बप्‍पा का स्‍वागत किया जाता है. वैसे ही अनंत चतुर्दशी के दिन भव्‍य विदाई भी दी जाती है. गणपति प्रतिमाओं को जलाशयों में विसर्जित किया जाता है. लेकिन इस दौरान कुछ बातों का ध्‍यान रखें. 

 

- विसर्जन से पहले गणपति बप्‍पा से अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें. 

 

- विसर्जन में जाते समय चमड़े की बेल्ट, घड़ी अथवा पर्स पास में न रखें. 

 

- जूते-चप्‍पल पहनकर गणेश विसर्जन करने की गलतती ना करें. 

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैNEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)